नोएडा के ट्विन टावर ध्वस्त हो गए पर बवाल अभी बाकी है! जानिए अब क्या नया पेच फंस गया

भाषा

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Noida Twin Towers news: एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों ने शनिवार को कहा है कि वे सुपरटेक ग्रुप द्वारा उस स्थान पर एक और आवासीय ‘टावर’ बनाने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे, जहां अवैध ट्विन टावर थे. उन्होंने कहा कि यदि जरूरत हुई तो वे एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

सोसाइटी के निवासियों की प्रतिक्रिया रियल एस्टेट समूह के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उसने कहा है कि वह ट्विन टावरों की जगह पर एक नई आवास परियोजना विकसित करना चाहता है. बिल्डर ने कहा है कि अगर स्थानीय अधिकारियों ने योजना को मंजूरी नहीं दी, तो वह भूमि की लागत और अन्य खर्चों का दावा करेगा.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक आदेश का पालन करते हुए 28 अगस्त को लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर – एपेक्स और सियान – को ध्वस्त कर दिया गया था.

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एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘निस्संदेह हम बिल्डर के इस तरह के किसी भी प्रयास का विरोध करने जा रहे हैं. हम जरूरत पड़ने पर अदालत का भी दरवाजा खटखटाएंगे.’’

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याचिकाकर्ताओं में से एक 82 वर्षीय तेवतिया ने कहा, ‘‘हमारे सोसाइटी परिसर के भीतर जिस क्षेत्र में ट्विन टावर अवैध रूप से बनाए गए थे, वह हरित क्षेत्र के रूप में निर्धारित किया गया था. इसमें कोई संदेह नहीं है, अब हम वहां एक पार्क बनाने जा रहे हैं. वहां एक मंदिर बनाने के लिए कई निवासियों के कुछ सुझाव भी हैं, लेकिन इसके लिए हम कुछ दिनों में सभी निवासियों की एक बैठक करने जा रहे हैं और उसी के अनुसार कोई निर्णय लिया जाएगा.”

रेजिडेंट्स ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष राजेश राणा (62) ने कहा कि यह बिल्डर की ओर से एक गैर-जिम्मेदाराना बयान है और शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देता प्रतीत होता है. इससे पहले, सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा था कि ट्विन टावर स्थल से मलबा हट जाने के बाद, उनकी कंपनी नोएडा प्राधिकरण के समक्ष एक आवासीय परियोजना विकसित करने का प्रस्ताव पेश करेगी और जरूरत पड़ने पर एमराल्ड कोर्ट के आरडब्ल्यूए की सहमति भी लेगी.

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