UP Weather Update: कोहरे में लिपटी हुई मई की सुबह कब देखी थी आपने? सोशल मीडिया से घर तक, बदले मौसम के ही चर्चे

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उत्तर प्रदेश के नोएडा और इसके आसपास के इलाकों में दिखी धुंध
उत्तर प्रदेश के नोएडा और इसके आसपास के इलाकों में दिखी धुंध
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Fog in May: उत्तर प्रदेश के नोएडा और इसके आसपास के इलाकों में जब आज यानी 4 मई की सुबह को लोगों की आंख खुली, तो नजारा दिसंबर महीने जैसा था. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मई महीने में वो घटना घटी, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. बता दें कि यहां लोगों को मई महीने में चिलचिलाती धूप की जगह कोहरा देखने को मिला. इस दौरान तापमान में भी भारी गिरावट थी. वहीं, मई महीने में छाए कोहरे को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने सीएम योगी के यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में दिए एक बयान को याद करना शुरू कर दिया.

दरअसल, तब चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी ने कहा था, “ये गर्मी जो अभी कैराना और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह दिखाई दे रही है न…मैं मई और जून में भी ‘शिमला’ बना देता हूं.” हालांकि, यहां सीएम योगी ने जिस गर्मी की बात कही थी उसका मौसम से नहीं बल्कि ‘बदमाशी’ से मतलब था.

मई में छाए कोहरे को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने कही ये बातें

फेसबुक पर प्रदीप हिनवार नामक यूजर ने कहा, “बाबा ने बोला था न कि मई-जून में भी शिमला बना दूंगा.”

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वहीं, यूट्यूब के एक पोस्ट पर कमेंट करते हुए लोगों ने कहा, “ये सब योगी जी की मेहरबानी है.”

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वहीं एक अन्य शख्स ने कहा, “योगी जी: सारी गर्मी निकाल दी, आखिर!”

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मई में क्यों निकला कोहरा? जानिए

बता दें कि बारिश होने की मुख्य वजह वेस्टर्न डिस्टरबेंस (Western Disturbance) यानी पश्चिमी विक्षोभ है. आम तौर पर पश्चिमी विक्षोभ मध्य सागर यानी मेडिटेरेनियन सी से चलने वाली नमी भरी हवाओं से आता है. भारत के उत्तरी इलाकों में इसकी वजह से आम तौर पर अक्टूबर से लेकर फरवरी के महीने तक ही बारिश देखने को मिलती है. जैसे-जैसे सूरज चढ़ता है, वैसे-वैसे इसका असर भारत में नहीं दिखाई देता.

कई बार अप्रैल के महीने तक एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस देखा जाता है लेकिन मई के महीने में ऐसा सिस्टम बनना काफी कम देखा गया है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी मानें, तो बादल छंटने का सिलसिला शुरु हो गया है और इसी वजह से गुरुवार की रात और सुबह में तापमान अचानक गिर गया और मौजूद नमी ने कोहरे की शक्ल ले ली. लेकिन मौजूदा वेस्टर्न डिस्टरबेंस इस बार मई के महीने में बना आखिरी विक्षोभ नहीं है, 5 मई से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तरी भारत का रुख कर रहा है, जो पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश का एक नया स्पेल ले कर आ सकता है, यानी 8 मई तक बादलों की आवाजाही बनी रहेगी.

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