अयोध्या में राम मंदिर का हो रहा भव्य उद्घाटन, जानिए मस्जिद के निर्माण में कहां फंसा पेच?
सरकार ने अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दी थी. अब सवाल ये है कि जब मंदिर का निर्माण हो चुका है तो आखिर अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद का निर्माण कब तक किया जाएगा?
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Lucknow News: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में हैं. अगले साल जनवरी में मंदिर के भव्य उद्घाटन का भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में अन्य किसी स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का भी निर्देश दिया था. बता दें कि सरकार ने अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दी थी. अब सवाल ये है कि जब मंदिर का निर्माण हो चुका है तो आखिर अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद का निर्माण कब तक किया जाएगा?
आपको बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के आधार पर मुस्लिम पक्ष को अयोध्या के धन्नीपुर में दी गई जमीन पर मस्जिद का निर्माण अगले साल मई से शुरू होने की संभावना है. मस्जिद का निर्माण कर रहे ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट’ ने अगले साल फरवरी से इस परियोजना के लिए व्यापक रूप से चंदा जुटाने के मकसद से विभिन्न राज्यों और जिलों में एक-एक प्रभारी बनाने का भी इरादा किया है.
अगले साल शुरू होगा मस्जिद का निर्माण
ट्रस्ट के मुख्य न्यासी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘अभी तक यही योजना है कि धन्नीपुर गांव में दी गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण अगले साल मई में शुरू हो जाएगा.’ उन्होंने कहा, मस्जिद का अंतिम डिजाइन फरवरी के मध्य तक मिल जाने की संभावना है. उसके बाद उसे प्रशासनिक मंजूरी के लिए प्रस्तुत कर दिया जाएगा. फरवरी में ही परिसर में ‘साइट ऑफिस’ खोल दिया जाएगा. उम्मीद है कि हम मई तक मस्जिद का निर्माण शुरू करने की स्थिति में आ जाएंगे.
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40 हजार वर्ग फुट में होगी मस्जिद
जुफर फारूकी ने कहा, भारत में मस्जिद का नाम आते ही लोगों के दिमाग में एक परंपरागत मस्जिद की आकृति उभरती है और इसी वजह से ट्रस्ट द्वारा तैयार की गई मस्जिद के डिजाइन की उतनी स्वीकार्यता नहीं थी. नतीजतन ट्रस्ट ने मस्जिद का नए सिरे से डिजाइन तैयार कराया है और अब यह मस्जिद 15 हजार वर्ग फुट के बजाय करीब 40 हजार वर्ग फुट में होगी.
कैसे होगी धन की व्यवस्था?
वित्तीय सहायता के लिए चंदा इकट्ठा करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर फारूकी ने कहा, ‘‘अभी हमने जिलों में जाने के कार्यक्रम को फिलहाल रोक रखा है. अभी ट्रस्ट से जुड़ी मुंबई की टीम इस मामले पर काम कर रही है और उम्मीद है कि एक-डेढ़ महीने में ट्रस्ट के पास पर्याप्त धन आ जाएगा.
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उन्होंने आगे बताया, दरअसल चंदा इकट्ठा करना बहुत बड़ा काम होता है और इसकी देखभाल कर पाना बहुत मुश्किल होता है. हम कोशिश यह कर रहे हैं कि कुछ राज्यों में अपने लोगों को जिम्मेदार बना दें और वे परियोजना के लिए पैसा हासिल करने के लिए काम करें, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों हो.
क्या होगा मस्जिद का नाम?
फारूकी ने इस दौराम मस्जिद के नाम की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा, मस्जिद का नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद’ होगा. मस्जिद का निर्माण कब तक पूरा होगा, ये आर्थिक मदद पर ही निर्भर करेगा. इस दौरान उन्होंने ये भी साफ किया कि मस्जिद की आधारशिला रखने के लिए सऊदी अरब की मस्जिद-ए-हरम के इमाम को बुलाने का ट्रस्ट का अभी तक कोई इरादा नहीं है. आपको बता दें कि मस्जिद के साथ-साथ वहां अस्पताल, पुस्तकालय और सामुदायिक रसोई का भी निर्माण किया जाएगा.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपना फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है और अगले साल 22 जनवरी को मंदिर में विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जोरदार तैयारी की जा रही है.
(भाषा के इनपुट के आधार पर)
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