Ram Mandir : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त 84 सेकेंड का, जो मंदिर नहीं पहुंचे वो घर पर करें ये काम

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Ram Mandir : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त 84 सेकेंड का, जो मंदिर नहीं पहुंचे वो घर पर करें ये काम
Ram Mandir : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त 84 सेकेंड का, जो मंदिर नहीं पहुंचे वो घर पर करें ये काम
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Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या के भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) होनी है. प्रभु श्रीराम की नगरी को इस ऐतिहासिक अवसर के लिए दुल्‍हन की तरह सजाया गया है. . रामलला की नगरी अयोध्या में दिवाली जैसा उत्सव देखने को मिल रहा है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक शुभ मुहूर्त में होगी.ऐसे में आपका यह जानना जरूरी है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त क्या है और इस शुभ मुहूर्त पर आप घर में क्या कर सकते हैं.

क्या है प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का यह ‘अभिजीत मुहूर्त’ दोपहर 12:29:03 बजे से 12:30:35 बजे तक रहेगा. इसी दौरान प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. अब सवाल यह है कि आज इस खास दिन जो अयोध्या राम मंदिर नहीं पहुंचा, उस आम श्रद्धालु को अपने घर में क्या करना चाहिए. इसके लिए यूपीतक ने बात की हरिद्वार के पंडित विश्व बंधन शर्मा बाली से. उन्होंने बताया कि हर कोई अभिजीत अभिषेक में प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जा सकता.

घर पर करें ये काम

उन्होंने बताया कि, ‘जो नहीं जा पा रहे हैं, वो जहां हैं, वहीं पर इस मुहूर्त में राम का नाम लेकर भजन करें. शब्द ही हमारे यहां सनातन हैं. इसलिए अपने-अपने स्थान पर राम-राम का जाप करें. राम नाम से बड़ा कोई मंत्र नहीं है. राम जिसमें हों वही सबसे बड़ा मंत्र है. हर आम आदमी मंत्र को याद नहीं रख सकता इसलिए, हर कोई मंत्रों का जाप नहीं कर सकता है. ऐसे में वो राम नाम का सुमिरन करे.’

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आज होगी प्राण प्रतिष्ठा

बता दें कि सोमवार (22 जनवरी) दोपहर को शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-दुनिया के VVIPs मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे. राजनीति, खेल, मनोरंजन, कारोबार समेत तमाम क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां अयोध्‍या पहुंच चुकी हैं. पारंपरिक नागर शैली में बना राम मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची है और इसमें कुल 392 स्तंभ तथा 44 द्वार हैं. मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्र अंकित हैं.

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