अयोध्या में बोले पीएम मोदी- भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी
अयोध्या में इस साल भव्य दीपोत्सव मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली की पूर्व संध्या पर रविवार को अयोध्या दीपोत्सव में शामिल हुए…
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अयोध्या में इस साल भव्य दीपोत्सव मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली की पूर्व संध्या पर रविवार को अयोध्या दीपोत्सव में शामिल हुए . अयोध्या में यह छठा मौका है, जब दीपोत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा है. पहली बार प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग ले रहे हैं. उन्होंने पहले रामलला की पूजा-अर्चना किया और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा की. इस दौरान सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या को कुछ लोगों ने अपनी राजनीति के लिए विरान बना दिया था.
सीएम योगी ने कहा कि आज से 6 वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग दर्शन और उनकी प्रेरणा से अयोध्या का दीपोत्सव कार्यक्रम शुरु हुआ. यह प्रदेश का एक उत्सव देश का उत्सव बनता गया. आज ये अपनी सफलता की नई ऊंचाई को छू रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश नई ऊंचाईयों को छू रहा है. उन्होंने कहा कि गुलामी से मुक्ति हो और विरासत का सम्मान हो, इस संकल्प के साथ ही सरकार काम कर रही है. सीएम ने कहा कि विरासत की सम्मान की ही बात है कि काशी में भव्य विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण हुआ है.
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वहीं दिपोत्सव कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्री रामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक, ये सौभाग्य रामजी की कृपा से ही मिलता है.जब श्रीराम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और दृढ़ हो जाते हैं. आजादी के अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स बार दीपावली एक ऐसे समय में आई है, जब हमने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं, हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आजादी के इस अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं. लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है. इन पंच प्रांणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य. आज अयोध्या नगरी में, दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है, श्रीराम से सीखना है.
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