22 नवंबर को लखनऊ में होगी ऐतिहासिक किसान महापंचायत, पूर्वांचल में तेज होगा आंदोलन: टिकैत

यूपी तक

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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि 22 नवंबर को लखनऊ में ‘ऐतिहासिक किसान महापंचायत’ आयोजित होगी.

टिकैत ने 9 नवंबर को ट्वीट कर कहा है, ”SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) की यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.” टिकैत ने यह भी कहा है कि किसान आंदोलन अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा.

बता दें कि बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है, जिसे 26 नवंबर को एक साल पूरा हो जाएगा. इस प्रदर्शन की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है, जिसमें किसानों के कई संगठन शामिल हैं. बीकेयू भी एसकेएम में शामिल है और उसके समर्थक दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में धरना दे रहे हैं.

किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को रद्द करे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए कानून बनाए.

केंद्र और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है. केंद्र सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं, जबकि प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये कानून उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देंगे.

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बात उत्तर प्रदेश की करें तो यहां भी (खासकर पश्चिमी हिस्से में) किसान आंदोलन की धमक सुनाई दी है. अब जब यूपी विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का वक्त बचा है, पूर्वांचल की तरफ किसान आंदोलन के तेज होने से इसका चुनाव पर भी असर हो सकता है.

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