ओम प्रकाश राजभर ने अब राजा भैया के खिलाफ खोला मोर्चा, दे दी ये चुनौती.
Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के पहले कुंडा के बेंती किला से खबर आई कि रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अंदरखाने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का संकेत दिया है, उसके बाद से ही उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल और तेज हो गई.
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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के पहले कुंडा के बेंती किला से खबर आई कि रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अंदरखाने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का संकेत दिया है, उसके बाद से ही उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल और तेज हो गई.
Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के पहले कुंडा के बेंती किला से खबर आई कि रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अंदरखाने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का संकेत दिया है, उसके बाद से ही उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल और तेज हो गई. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया के इलाके यानी प्रतापगढ़ में जाकर कुछ ऐसा बोला है, जिससे यूपी के सियासत में और उबाल आ गया. वहीं अब भाजपा के साथी ओम प्रकाश राजभर ने राजा भैया को लेकर बड़ा बयान दे दिया है.
राजभर ने राजा भैया के खिलाफ
यूपी तक से बात करते हुए राजभर ने मिर्जापुर से बीजेपी प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल के राजा भैया को लेकर दिये गए बयान के समर्थन दिया है. ओपी राजभर ने कहा कि, 'बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर ने देश की सभी रानियों का ऑपरेशन कर दिया है. अब राजा रानियों के पेट से नहीं बल्कि ईवीएम मशीन से पैदा होगा.' उन्होंने आगे कहा कि, मैं अनुप्रिया पटेल की बात का समर्थन करता हूं, क्योंकि सच कड़वा होता है.
वहीं पूर्वांचल में राजा भैया का चुनाव में प्रभाव को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि राजा भैया को कोई प्रभाव नहीं है. वो अगर खुद लड़ते हैं तो बात अलग होती लेकिन वो खुद लड़ते हैं तो बात अलग होती लेकिन वो अगर ये कहें कि वो बलिया में आकर नीरज शेखर को हरा देंगे तो ऐसा नहीं होता है. ऐसा संभव नहीं है.
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राजा भैया ने किया पलटवार
जनसत्ता पार्टी लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के बयान पर पलटवार भी किया था. राजा भैया ने अनुप्रिया पटेल के ईवीएम से राजा-रानी के पैदा होने वाले बयान पर जोरदार प्रहार किया. उन्होंने कहा कि, 'उनका ये बयान अनावश्यक था. लोकतंत्र में राजा-रानी नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि चुनता है और उस जनप्रतिनिधि की आयु पांच वर्ष की होती है. लोकतंत्र की मूल भावना राजा-रानी जैसी चीजों के खिलाफ है. '
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