धनंजय सिंह की पत्नी का टिकट कटने से जौनपुर में किसे फायदा? जानें क्या कहती है चुनावी अंकगणित

यूपी तक

ADVERTISEMENT

धनंजय सिंह और उनकी पत्नी श्रीकला
धनंजय सिंह और उनकी पत्नी श्रीकला
social share
google news

Uttar Pradesh News : लोकसभा सीट को लेकर जौनपुर की सियासत गर्मा गई है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस सीट से अपना उम्मीदवार बदल दिया है. बीएसपी ने बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का टिकट काट दिया है और उनकी जगह पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है. धनंजय सिंह की पत्नी का टिकट कटने के बाद तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं. इस सवालों में एक सवाल ये भी है कि श्रीकला के चुनाव ना लड़ने पर किसे फायदा होगा और किसे नुकसान. 

जौनपुर में किसका दबदबा

जौनपुर लोकसभा सीट पर राजपूत, ब्राह्मण और यादव वोटरों का दबदबा है. इस सीट पर कांग्रेस को 6, बीजेपी को 4, जनता दल को 3 और जनसंघ को एक बार जीत मिली है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को इस सीट पर 2-2 बार जीत मिली है. साल 2019 आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन था. जौनपुर की सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई थी और बीएसपी के श्याम सिंह यादव विजयी भी हुए.

ऐसा है जातीय समीकरण

जौनपुर लोकसभा सीट पर राजपूत वोटरों का दबदबा माना जाता है. इस सीट पर 11 बार राजपूत उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. जबकि यादव उम्मीदवारों ने 4 और  ब्राह्मण उम्मीदवारों ने 2 बार जीत दर्ज की है. जौनपुर लोकसभा सीट पर ब्राह्मण वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा है. करीब ढाई लाख मतदाता ब्राह्मण समुदाय के हैं. जबकि राजपूत करीब दो लाख हैं. इनके अलावा यादव वोटर सवा दो लाख और मुस्लिम मतदाता सवा दो लाख हैं. अनुसूचित जाति के वोटर्स की संख्या भी सवा दो लाख के करीब हैं. 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

टिकट कटने से किसे फायदा

बता दें कि मायावती ने पहले श्रीकला सिंह को बीएसपी का उम्मीदवार बनाया था. वैसे चुनाव तो धनंजय सिंह खुद लड़ना चाहते थे. लेकिन उन्हें रंगदारी और अपहरण के एक केस में सजा हो गई. वहीं धनंजय सिंह की पत्नी के चुनाव लड़ने से जौनपुर में चुनावी मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया था. धनंजय की पत्नी के चुनाव लड़ने पर बीजेपी के उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह को काफी नुकसान पहुंचने का अनुमान था, क्योंकि धनंजय का उस इलाके में एक स्ट्रॉन्ग होल्ड रहा है. अब  धनजंय सिंह के परिवार के मैदान में ना होने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि जो राजपूत वोटों में बिखराव काम होगा, फिलहाल इसका सीधा फायदा भाजपा उम्मीदवार को जाता दिख रहा है.

जौनपुर लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर सदर, मल्हनी और मुंगरा बादशाहपुर सीटें शामिल हैं. इसमें से तीन  सीटें एनडीए और दो सीट समाजवादी पार्टी के खाते में हैं. बदलापुर विधानसभा सीट से बीजेपी के रमेश चंद्र मिश्रा, शाहगंज से निषाद पार्टी के रमेश, जौनपुर सदर से बीजेपी के गिरिश यादव ने जीत हासिल की है. जबकि मल्हनी से समाजवादी पार्टी के लक्की यादव और मुंगरा बादशाहपुर से समाजवादी पार्टी के पंकज को जीत मिली है. 

ADVERTISEMENT

साल 2004 में समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव और साल 2009 में बीएसपी के धनंजय सिंह ने जीत हासिल की. एक बार फिर इस सीट पर साल 2014 में बीजेपी उम्मीदवार  बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण प्रताप सिंह को जीत मिली. लेकिन साल 2019 आम चुनाव में बीएसपी के श्याम सिंह यादव विजयी हुए. 

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT