नौकरी का झांसा देकर ठगी करने के 4 आरोपी गिरफ्तार, जानिए पूछताछ से क्या खुलासा हुआ
उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने ”नौकरी का झांसा देकर करीब 500 बेरोजगार युवकों से लगभग छह करोड़ रुपये की ठगी करने वाले…
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उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने ”नौकरी का झांसा देकर करीब 500 बेरोजगार युवकों से लगभग छह करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह” के कथित सरगना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
एसटीएफ ने गुरुवार को जारी बयान में बताया कि उसने इस मामले में ”गिरोह के सरगना अरुण कुमार दुबे और उसके साथियों अनिरुद्ध पांडे, खालिद मुनव्वर बेग और अनुराग मिश्रा को बुधवार रात लखनऊ के विभूति खंड इलाके से गिरफ्तार किया.”
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कृषि कुम्भ प्रा0लि0 व मदर हुड केयर कम्पनी एवं एनजीओ खोलकर विभिन्न वेबसाइटों के माध्यम से नौकरी का झांसा देकर लगभग 500 बेरोजगार युवको से लगभग 06 करोड़ रूपये की ठगी करने वाले सरगना अरून कुमार दुबे सहित 04 अभियुक्तों को विभूतिखण्ड क्षेत्र, लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।@uppolice pic.twitter.com/VAtgvXyMwH— UPSTF (@uppstf) October 21, 2021
एसटीएफ के मुताबिक, पकड़े गए लोग ‘कृषि कुम्भ प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘मदर हुड केयर कम्पनी’ और गैर सरकारी संगठन खोलकर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे.
इस सिलसिले में लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एक मुकदमा भी दर्ज है. पकड़े गए लोगों के कब्जे से बड़ी संख्या में कर्मचारी हैंडबुक, स्टांप पेपर, लेटर हेड और अन्य सामान बरामद हुआ है.
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गिरोह के कथित सरगना अरुण कुमार दुबे ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया है कि वह साल 2015 में एक कंपनी में मैनेजर के पद पर तैनात था, तब कंपनी के दफ्तर से 10 लैपटॉप और बैटरी चोरी होने के मामले में वह जेल गया था. एसटीएफ के अनुसार, दुबे ने बताया कि वहां से छूटने के बाद उसने अपने साथियों की मदद से विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लगभग 500 बेरोजगार युवकों से करीब छह करोड़ रूपये की ठगी की.
एसटीएफ के मुताबिक, उसने बताया कि वह और उसके साथी समय-समय पर कम्पनी के सेमिनार आयोजित करते थे, उन्होंने कुछ लोगों को अपनी कंपनी कृषि कुम्भ और मदर हुड केयर में भी जोनल कोऑर्डिनेटर, जिला विक्रय अधिकारी और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर के पद पर नौकरी दी थी. कुछ महीने कार्य करने पर जब उन लोगों को वेतन नहीं मिला तब वे दबाव बनाने लगे, जिसके बाद उन सभी को यह नोटिस भेज दिया गया कि उन्होंने कंपनी के अनुशासन के अनुरूप कार्य नहीं किया है, इस कारण उन्हें कंपनी से निकाला जा रहा है.
एसटीएफ ने जानकारी दी है कि पूछताछ में दुबे ने बताया कि उसने अपनी कंपनी में नौकरी कर रहे कुछ लोगों को फर्जी चेक भी दिए, जब उन लोगों को पैसा नहीं मिला तो उन्होंने अलग-अलग थानों में उसके और गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा दिए. उसके बाद उसके गिरोह के सदस्य देवेश मिश्रा और विनीत कुमार मिश्रा को पुलिस ने सचिवालय का फर्जी नियुक्ति पत्र देने के आरोप में अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था. उसके बाद से ही वह और उसके गिरोह के बाकी सदस्य छिप कर रह रहे थे.
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एसटीएफ ने बुधवार को उन्हें तब गिरफ्तार किया जब ‘वे सारे दस्तावेज नष्ट करने के लिए बैठक कर रहे थे.’
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