कानपुर: नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के मामले में एक युवक को दस साल की सजा

भाषा

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कानपुर की एक अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण और उसके साथ रेप के जुर्म में एक युवक को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

पुलिस ने बुधवार को बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-13 की अदालत ने सोमवार को जावेद उर्फ मुन्ना को यह सजा सुनाई. वह जूही के परमपुरवा का निवासी है.

कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि एक हिन्दू नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि जावेद ने खुद को मुन्ना के रूप में पेश किया और उससे शादी करने का वादा किया, जिसके बाद वह मई 2017 में भाग कर उसके घर चली गई.

नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि जब वह जावेद के घर पहुंची, तो उसने अपनी असली पहचान बताई और उससे ‘निकाह’ करने को कहा जिसके लिए उसने मना कर दिया.

पुलिस के अनुसार मई 2017 में जावेद के खिलाफ धाराओं– 363 (अपहरण की सजा), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए महिला का अपहरण), 376 (रेप) और पोक्सो अधिनियम की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया गया था और पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी और लड़की दोस्त थे और आरोपी जानता था कि लड़की नाबालिग है.

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अरुण ने बताया कि अदालत ने जावेद को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया. उनके अनुसार, धारा 366 के तहत जावेद सात साल जेल की सजा सुनाई गई और उस पर सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया.

अदालत ने युवक को रेप के जुर्म में 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा चार के तहत जावेद को सात साल की जेल की सजा सुनाई और उस पर 8000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. कैद की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

हालांकि, पुलिस आयुक्त ने इस बात से इनकार किया कि युवक को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून, के तहत दोषी ठहराया गया है. इस कानून को ‘लव जिहाद’ कानून भी कहा जाता है.

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