CBI ने हमीरपुर में डाला डेरा, फर्जी प्रमाण पत्रों से सेना में भर्ती मामले की हो रही जांच

नाहिद अंसारी

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Hamirpur News: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में CBI ने आज यानी रविवार को तीसरे दिन भी फर्जी प्रमाण पत्रों से सेना में भर्ती होने वाले 22 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए कई ग्राम प्रधान और लेखपालों के बयान दर्ज किए. बता दें कि दो दिन पहले यानी दो दिसंबर को CBI की पांच सदस्यीय टीम हमीरपुर में मौदहा बांध के डाक बंगले में पहुंची थी और लेखपालों और ग्राम प्रधानों को बुलाकर उनके बयान लेने की कार्रवाई शुरू कर दी थी. सीबीआई आने की खबर से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.

कानपुर जिले में 2016 में हुई सेना भर्ती मामले में सीबीआई ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने से संबंधित लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है. इसमें फर्जी निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने के संबंध में 40 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सीबीआई की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस भर्ती में रिश्वत देकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 34 लोगों ने परीक्षा पास कर ली. यही नहीं इनमें से 30 लोगों ने जॉइनिंग कर ट्रेनिंग भी हसिल कर ली. मामले में सेना भर्ती कार्यालय में तैनात रहे हवलदार गिरीश एनएच ने बिचौलिए के जरिये रिश्वत लेने की बात कुबूल की है. वहीं, अब सभी निवास प्रमाणपत्र हमीरपुर से जारी होने पर सीबीआई की टीम ने जिले में डेरा डाल दिया है और रविवार को भी लेखपाल, ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब किया है.

प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे नोएडा, बागपत, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, रायबरेली और बुलंदशहर के रहने वाले इन युवकों ने खुद को हमीरपुर जिले का निवासी बताते हुए फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाए. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले इन 34 लोगों के साथ ही सेना के हवलदार गिरीश एनएच, 5 बिचौलियों और हमीरपुर के एसडीएम व तहसीलदार के कार्यालय में तैनात रहे अज्ञात कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

कानपुर छावनी में 3 अगस्त 2016 से 16 अगस्त 2016 के बीच औरैया, बाराबंकी, फतेहपुर, कन्नौज, बांदा, गोंडा और हमीरपुर के युवाओं के लिए सेना भर्ती की रैली हुई थी. यह भर्ती शारीरिक जांच, लिखित परीक्षा व स्वास्थ्य परीक्षण के जरिए हुई. इसमें हमीरपुर के 22 ऐसे अभ्यर्थियों को भर्ती कर लिया, जो अन्य जिलों के रहने वाले थे. इन सभी ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र के सहारे खुद को हमीरपुर का बताया. ये निवास प्रमाण पत्र हमीरपुर तहसील से उप जिलाधिकारी ने जारी किए थे.

सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने एसटीएफ की सूचना के आधार पर 12 दिसम्बर 2017 में लखनऊ कैंट स्थित मध्य कमान सेना के भर्ती मुख्यालय के अज्ञात अधिकारियों-कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू की. आरोप सही पाए गए तो स्पेशल क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने 19 अप्रैल 2018 को एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी. मामले में सेना भर्ती दफ्तर में तैनात हवलदार गिरीश एनएच समेत 40 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली.

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पता चला कि जिन 34 लोगों ने भर्ती में हिस्सा लिया, उनमें से कोई भी हमीरपुर का रहने वाला नहीं था. अब ऐसे में सीबीआई ने हमीरपुर में डेरा डाल दिया है और लगातार लेखपाल, ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब करके पूछताछ की जा रही है कि आखिर ये निवास प्रमाणपत्र जारी कैसे हुए थे. इन फर्जी निवास प्रमाण पत्रों में सब से ज्यादा कुरारा ब्लॉक के पतारा गांव से बनवाए गए हैं. बहरहाल तीन दिनों से CBI की जांच जारी है आगे देखना है की किस-किसकी गिरफ्तारी होती है.

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