चचरे भाई के साथ लिव-इन में रहने वाली शिल्पा पांडे की बॉडी इस हाल में मिली फिर पता चला इस रिश्ते का पूरा सच

अरविंद ओझा

दिल्ली के गाजीपुर में सूटकेस में मिली जली हुई लाश का पुलिस ने किया खुलासा. शिल्पा पांडे की हत्या में चचेरे भाई अमित और उसका दोस्त अनुज गिरफ्तार.

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Photo- Shilpa Pandey
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Delhi Ghazipur Murder Case: गुजरात के सूरत से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भागकर आई 23 वर्षीय शिल्पा पांडे ने कभी नहीं सोचा होगा कि उसका प्रेमी उसे दर्दनाक मौत दे देगा. इस बात को जानकर आपके होश और उड़ जाएंगे कि शिल्पा का 22 वर्षीय प्रेमी अमित तिवारी रिश्ते में उसका चचेरा भाई लगता है और दोनों कथित रूप से लिव-इन में रह रहे थे. फिलहाल पुलिस ने आरोपी अमित और उसके साथी अनुज को अरेस्ट कर लिया है. दिल्ली पुलिस के डीसीपी (पूर्वी) अभिषेक धनिया ने बताया, "दोनों के बीच अवैध संबंध थे और शिल्पा कथित तौर पर अमित पर दबाव बना रही थी कि वह अपने परिवार को छोड़कर उसके साथ स्थायी रूप से रहे. अमित ने दावा किया कि शिल्पा ने उसे और उसके परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी थी."

पुलिस को मिली जाली हुई लाश की सूचना

आपको बता दें कि रविवार तड़के दिल्ली के गाजीपुर इलाके में पुलिस को एक जले हुई सूटकेस में जली हुई लाश मिलने की जानकारी मिली. लाश मिलने के बाद पुलिस को शव की पहचान करने के साथ-साथ हत्यारे को पकड़ने की चुनौती थी. हालांकि, अगले ही दिन सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी और मैनुअल डेटा की मदद से पुलिस हत्यारे तक पहुंच गई. 

कैसे मारा अमित ने शिल्पा को?

पुलिस ने बताया कि शनिवार रात अमित ने कथित तौर पर नशे की हालत में शिल्पा से झगड़ा किया. पुलिस को उसने बताया कि गुस्से में उसने अपनी कोहनी से शिल्पा को मारा और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उसने अपने दोस्त और कैब ड्राइवर अनुज कुमार को बुलाया और शव ठिकाने लगाने में मदद मांगी. तीन घंटे तक, रात 9 बजे से 12 बजे तक, दोनों शव को फेंकने की जगह खोजते रहे. 

 

 

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश जाकर शव को किसी नदी या नहर के पास फेंकने की योजना बनाई. लेकिन उन्होंने देखा कि गणतंत्र दिवस के मद्देनजर दिल्ली-यूपी सीमा पर पुलिस कड़ी जांच कर रही थी. इसके बाद उन्होंने गाजीपुर पेपर मंडी के पास शव को फेंकने का फैसला किया. उन्होंने गाजीपुर के एक पेट्रोल पंप से बोतल में 160 रुपये में डीजल खरीदा, सूटकेस को भूसे से ढका और उसमें आग लगा दी. 

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लोगों को शक क्यों नहीं हुआ?

घटनास्थल पर किसी का ध्यान नहीं गया. पुलिस के अनुसार, "वहां के लोग अक्सर कचरे के ढेर को पेट्रोल या केरोसिन से जला देते हैं ताकि सर्दियों में गर्मी मिले...शनिवार रात अधिक ठंडी थी, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ. आसपास कचरे के ढेर और मांस की दुकानों की वजह से गंध पर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया."

रविवार सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर पुलिस को सूचना मिली कि जली हुई सूटकेस में एक जला हुआ शव मिला है. पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पीड़िता की उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच आंकी. शव इतनी बुरी तरह जल चुका था कि पहचान करना मुश्किल था, लेकिन लंबे बाल देखकर अंदाजा लगाया गया कि यह महिला हो सकती है. फॉरेंसिक और क्राइम टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के शवगृह में भेजा गया. हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. 

इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी उपकरणों जैसे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) का इस्तेमाल कर आरोपियों को ट्रैक किया. सीसीटीवी फुटेज और कार की जांच से एक सुराग मिला, जिससे अमित तक पहुंचा गया. दोनों आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के अनुसार, आरोपी अमित तिवारी अपने घर प्रयागराज भागने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले ही उसे दबोच लिया गया.

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