चंदौली: क्या गैंगस्टर के घर गई पुलिस ने उसकी बेटी को ही पीटकर मार डाला? बवाल की पूरी कहानी

उदय गुप्ता

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उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक जिलाबदर अपराधी के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर घर में मौजूद उसकी दो बेटियों के साथ मारपीट और इस दौरान एक युवती की मौत के गंभीर आरोप लगे हैं. घटना के बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प और तोड़फोड़ की वारदात भी हुई. इसमें एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है. वहीं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित थाने के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही एसएचओ सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है. वहीं, पोस्टमॉर्टम के बाद वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

यह मामला चंदौली के सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव का है. दरअसल सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव के रहने वाले कन्हैया यादव नाम के एक गैंगस्टर और जिलाबदर अपराधी के घर पुलिस रविवार की शाम दबिश देने गई थी. कोर्ट द्वारा कन्हैया यादव के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था और पुलिस उसकी तलाश में रविवार की शाम उसके घर पर दबिश देने गई थी.

उधर कन्हैया यादव और उनके परिजनों का आरोप है कि उस वक्त घर पर निशा और गुंजा नाम की दो बहनें मौजूद थीं. आरोप है कि पुलिस ने दबिश के दौरान पूछताछ के नाम पर दो बहनों के साथ मारपीट की. इससे बचने के लिए बड़ी बहन निशा पहली मंजिल पर चली गई. उसके पीछे महिला और पुलिस कॉन्स्टेबल भी गए और उसके साथ मारपीट की. परिजनों का आरोप है कि इसी दौरान निशा की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों ने उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की. इसके बाद पुलिसकर्मी वहां से फरार हो गए.

मृतका की बहन ने बताया,

“पुलिस आई थी. घर में कोई नहीं था. ये लोग सीधे घर में प्रवेश किए. हम लोग छत पर थे जब नीचे आए तो ये लोग धड़ाधड़ दरवाजे पर मारे और दरवाजा खुला और आते ही जब हम लोगों ने पूछा कि आप लोग कैसे आए हैं, बिना वॉरेंट के किसी के घर में कैसे घुस सकते हैं? तो वो कहने लगे कि तुम लोग गुंडे की बेटी हो और हम लोग तुमको यहां से उठवा कर ले जाएंगे. जब हमने पूछा कि सर आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उन लोगों ने मारना शुरू कर दिया. हमको मारे, फिर दीदी वहां से आई और देखी तो दूसरे रूम में भागने लगीं, तो उसको भी मारने लगे. उसको 8-10 लोग पकड़कर लेडीस और जेंट्स दोनों मार रहे थे.

गुंजा

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गुंजा ने बताया, “दीदी चिल्ला रही थी कि गुंजा किसी को बुलाओ ये लोग मार रहे हैं. मैंने कहा कि सर ऐसा मत करिए उसकी शादी पड़ी है, क्यों मार रहे हैं? हम लोग क्या किए हैं. उसके बाद ये लोग नीचे से कुर्सी लेकर के ऊपर गए. हम पूछे कि सर आप लोग क्या कर रहे हैं. मैंने पुलिस वाले का हाथ पकड़ा, मेरा ब्लड पुलिस वाले के हाथ पर लगा है. हमने उनको रोकने की कोशिश की, लेकिन वे लोग नहीं माने. उसके बाद कुर्सी अंदर लेकर के गए और वहां से बाहर चले आए. जब हम गए तो देखें यह लोग दीदी को मारकर साड़ी से लटका दिए थे. ताकि यह साबित किया जा सके कि यह आत्महत्या है.

उन्होंने आगे बताया, “कुछ बता नहीं रहे थे बस यह कह रहे थे कि तुम लोगों को उठवा लेंगे. गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे. 35-40 के लगभग पुलिस वाले रहे होंगे. केवल दो लड़कियों के लिए आए थे जबकि हम लोगों पर कोई आरोप नहीं है. कोई केस नहीं है फिर भी हम लोगों को मारा गया.”

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मृतका के पिता कन्हैया यादव ने कहा, “हामरी यहां पर छोटी सी गिट्टी-बालू की दुकान है. यहां पर पुलिस हम को प्रताड़ित करती रहती है. 8 महीने से हमारी दुकान बंद करवा दिए हैं. हमारे ऊपर दो मुकदमे थे. एक 151 का था और एक बिजली विभाग का था. हमारे ऊपर गुंडा एक्ट लगा दिए. गुंडा एक्ट लगा कर जिला बदर कर दिया. उसके बाद हम हाईकोर्ट गए. हाईकोर्ट का जजमेंट अभी आना बाकी था. जब हमारा जिला बदर हुआ तो हम बनारस में जाकर रहने लगे थे. उसके बाद पुलिस ने हमारे घर में आकर लड़कियों के साथ मारपीट की. हमें इंसाफ चाहिए. हमारी बेटी की जान ली गई है.”

उधर इस वारदात के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. साथ ही मृत लड़की का वीडियो और उसकी बहन का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. देखते ही देखते घटना स्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई, साथ ही साथ समाजवादी पार्टी के कई नेता भी मौके पर पहुंच गए. उधर आक्रोशित ग्रामीणों ने सैयदराजा जमानिया नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया. पुलिस ने जब उनको रोकने की कोशिश की तो ग्रामीण उग्र हो गए और पुलिस की मोटरसाइकिल ने तोड़ दी. साथ ही पुलिस पर हमला भी कर दिया, जिसमें एक पुलिसकर्मी को गंभीर चोट आई हैं.

उधर घटना की गंभीरता को देखते हुए कई थानों की फोर्स और पीएसी के जवान मौके पर भेजे गए. पुलिस ने जब पोस्टमॉर्टम के लिए शव को कब्जे में लेने की कोशिश की, तो ग्रामीणों ने डेड बॉडी पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया. उधर घटना की सूचना मिलते ही वाराणसी जोन के आईजी के. सत्यनारायण और कमिश्नर दीपक अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया.

परिजन सीधे-सीधे पुलिस पर हत्या का आरोप लगा रहे थे और कार्रवाई की मांग कर रहे थे. प्रथम दृष्टया जांच पड़ताल के बाद पुलिस अधिकारियों ने सैयदराजा थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया. साथ ही साथ पीड़ित परिवार की तहरीर पर एसएचओ और आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कर लिया. उधर घरवालों को काफी समझाने बुझाने के बाद आधी रात के बाद घरवालों ने डेड बॉडी को पुलिस के सुपुर्द किया. वहीं, पोस्टमॉर्टम के बाद वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

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के. सत्यनारायण (आईजी वाराणसी) ने मामले में बताया, “मनराजपुर गांव में पुलिस एनबीडब्ल्यू के तलाशी में आई थी. आने पर यहां वॉरेंटी नहीं मिला और उसकी बेटी की डेड बॉडी मिलने की सूचना मिली. यहां पब्लिक ने जाम लगा दिया. जाम लगाने के बाद एक एंबुलेंस के साथ तोड़फोड़ की और साथ में एक सिपाही और होमगार्ड के साथ मारपीट की.

उन्होंने आगे कहा, “परिवारजनों के द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि इंस्पेक्टर जब यहां वॉरेंटी के लिए घर पर आए थे तो बड़ी वाली लड़की जो निशा यादव है उसके साथ मारपीट की गई और इस दौरान उसकी मौत हो गई. उनसे एक तहरीर भी एसपी साहब के द्वारा प्राप्त की गई है.”

समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर बोला हमला

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, “उत्तर प्रदेश में कानून का नहीं वर्दी वाले गुंडों का राज चल रहा है. जिस तरह से चंदौली में पुलिस ने घर में घुसकर बेटियों को पीटा और उसमें एक बेटी की मौत हो जाती है. उससे तो यही नारा बनना चाहिए उत्तर प्रदेश की बेटियों को योगी की पुलिस से बचाओ.”

प्रथम दृष्टया जो मामला सामने आया है वह काफी गंभीर है. इस पूरे मामले में खाकी पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं और एक बार फिर खाकी शर्मसार हुई है.

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