वाराणसी: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस को जनमानस से जोड़ने के लिए एक मंच पर जुटे ये दिग्गज
वाराणसी का चर्चित श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस (Shringar Gauri-Gyanvapi Case) जिला जज की अदालत में तो चल ही रहा है, लेकिन इस मुद्दे से सनातन जनमानस…
ADVERTISEMENT
वाराणसी का चर्चित श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस (Shringar Gauri-Gyanvapi Case) जिला जज की अदालत में तो चल ही रहा है, लेकिन इस मुद्दे से सनातन जनमानस…
वाराणसी का चर्चित श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस (Shringar Gauri-Gyanvapi Case) जिला जज की अदालत में तो चल ही रहा है, लेकिन इस मुद्दे से सनातन जनमानस को जोड़ने की मुहिम भी शुरू हो चुकी है. इसी का नतीजा है कि वाराणसी में देश भर के जाने माने एक्टिविस्ट और अपने-अपने क्षेत्र में पारंगत लोग एक मंच पर आए.
ADVERTISEMENT
वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, रक्षा विश्लेषक आरएसएन सिंह, कश्मीर विस्थापितों के लड़ाई लड़ने वाले सुशील पंडित और हिंदू पक्ष से श्रृंगार गौरी केस को लड़ने वाले पिता-पुत्र हरिशंकर और विष्णु शंकर जैन ने एक स्वर में श्रृंगार गौरी के लिए आमजन में अलख जगाने और जागरूक करने की बात कही.
राष्ट्र चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा, “श्रृंगार गौरी मामले की लड़ाई तो कोर्ट से चल ही रही है, लेकिन समाज में इस लड़ाई के जरिए पूरे देश में बताना चाहते हैं कि यह लड़ाई केवल विष्णु और हरिशंकर जैन की लड़ाई नहीं है और न ही हिंदू-मुसलमान की लड़ाई है. यह सभ्यता की लड़ाई है. यह लड़ाई किसी को हराने जिताने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए लड़ी जा रही है कि आक्रांताओं ने आखिर हमारे आस्था के केंद्र को क्यों तोड़ा? आखिर औरंगजेब ने क्यों वहीं मस्जिद बनाई? इसलिए इतिहास की भूल को ठीक नहीं करने पर आपका भविष्य हमेशा कंफ्यूज रहेगा.”
कोर्ट पर भरोसा न होने के सवाल के जवाब में पुष्पेंद्र ने बताया कि कोर्ट पर बिल्कुल भरोसा है, लेकिन वे समाज में लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने किसी नए मूवमेंट के शुरू करने के सवाल को भी नकार दिया.
वाराणसी में हिंदूवादी संगठन ने फिल्म आदिपुरुष का किया विरोध, प्रतिबंध लगाने की मांग
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
वहीं श्रृंगार गौरी केस के हिंदू पक्ष से वकील हरिशंकर जैन ने बताया कि उनके होने वाले कार्यक्रम का विषय धर्म और राष्ट्र रक्षा का है, जिसका श्रृंगार गौरी से कोई सरोकार नहीं है. केवल समाज से किसी लड़ाई में मोरल सपोर्ट मिलता है. सिर्फ सभी लोग हमें मोरल सपोर्ट दे रहे हैं.
कश्मीर विस्थापितों की लड़ाई के लिए पहचाने जाने वाले सुशील पंडित ने कश्मीर से काशी आने के सवाल पर कहा, “मैं काशी से भी आगे जांऊ, यह मेरी इच्छा है. जहां-जहां ऐसी लड़ाई होगी, वहां तक जाऊंगा. उन्होंने बताया कि मेरी भूमिका इस लड़ाई में बोध की है, जगाने और बताने की है. हमारे पास तथ्य, तर्क, अनुभव और आपबीती है, वे सभी लोग जाने और सतर्क हो जाएं.
वहीं श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सभी को एक साथ आने के पीछे वजह यही है कि समाज में फैलाए जा रहे भम्र को खत्म करके लोगों तक सही जानकारी और फैक्ट दिए जाए. साथ में आने वाले सभी लोग एक समर्थन के लिए एक साथ आए हैं, न कोई नया संगठन खड़ा किया जा रहा है और न ही कोई नया मूवमेंट बनाया जा रहा है.
ADVERTISEMENT
कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर किए गए सवाल पर उन्होंने फिर से सफाई दी कि हमारा मकसद कथित शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ या तोड़ने का नहीं है. हमने तो कथित शिवलिंग को वजू होने से बचाया है. हम सभी कथित शिवलिंग की पूजा-अर्चना चाहते हैं.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
वाराणसी: कपड़े बदल रहीं थी छात्राएं, CCTV में कैद हो रहा था मंजर, हरकत में आई पुलिस
ADVERTISEMENT