तीसरे चरण में अखिलेश करेंगे कमाल या करहल में घिर जाएंगे? एक्सपर्ट से जानें कौन पड़ेगा भारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में शुक्रवार को तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त हो गए. दो चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और…
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में शुक्रवार को तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त हो गए. दो चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और…
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में शुक्रवार को तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त हो गए. दो चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होना है. तीसरे चरण में कुल 16 जिलों के 59 सीटों के लिए मतदान होगा. सभी राजनीतिक दल अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. एक तरफ अखिलेश यादव हैं, जो कह रहे हैं कि पहले दो चरण में उनके गठबंधन ने शतक लगा लिया है. दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ का दावा है कि बीजेपी 80 फीसदी सीटें जीत रही है.
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ऐसे में अब सबकी निगाहें तीसरे चरण के चुनावों पर है. यह चरण इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 20 फरवरी को ही करहल विधानसभा सीट पर भी वोटिंग है, जहां अखिलेश यादव खुद कैंडिडेट हैं.
ऐसे में यूपी तक ने वरिष्ठ पत्रकारों के एक्सपर्ट पैनल से यह जानने की कोशिश की कि आखिर तीसरे चरण में कौन भारी पड़ रहा है.
‘लड़ाई बिल्कुल करीबी है. कांटे का मुकाबला हो रहा है. परिणाम एकतरफा होगा.’
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वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने यूपी चुनाव को लेकर अपना आंकलन जाहिर करते हुए बताया कि यहां एसपी गठबंधन और बीजेपी के बीच कांटे की लड़ाई चल रही है. मामला करीबी है और ऐसी स्थिति में परिणाम एकतरफा आने की उम्मीद है.
उन्होंने बातचीत के क्रम में कहा कि दो मुद्दे बीजेपी के पक्ष में हैं. एक लॉ एंड ऑर्डर का इशू और दूसरा लाभार्थी वर्ग, जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है. लेकिन दूसरे मुद्दे भारी पड़ रहे हैं, जैसे महंगाई का मुद्दा, छुट्टा पशुओं का मुद्दा.
विनोद अग्निहोत्री कहते हैं कि दो चरणों में जाट-मुस्लिम-गुर्जर प्रभावी सुनने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि यूपी दो बार बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला, 1991 में और 2017 में. दोनों बार पश्चिमी यूपी में जाटों ने समर्थन किया. जब-जब पश्चिमी यूपी में बीजेपी कमजोर हुई उसका विजय रथ रुका है.
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वरिष्ठ पत्रकार अग्निहोत्री कहते हैं कि तीसरे चरण की जातिगत गोलबंदी पश्चिमी यूपी से अलग हैं. अगर अखिलेश यादव ने यादव वोटों के साथ अन्य पिछड़ी जातियों को एकजुट कर लिया, तो परिणाम उनके पक्ष में रहेंगे.
उनके मुताबिक अखिलेश ने अपनी रैली में इसका ध्यान अबतक रखा है. वह बार-बार कह रहे हैं कि पिछड़ों का इंकलाब आएगा. अखिलेश के मंच पर जातीय समीकरण के हिसाब से नेता दिख रहे हैं.
क्या अखिलेश तीसरे चरण में चमत्कार करेंगे या करहल में ही घिर जाएंगे?
बीजेपी ने करहल सीट से एसपी सिंह बघेल को उतार पूरी ताकत से अखिलेश यादव को घेर रही है. क्या करहल में अखिलेश घिर गए हैं? इस सवाल के जवाब में विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि बीजेपी पहले भी ऐस कर चुकी है.
उन्होंने कहा कि ‘यह मुलायम सिंह यादव का गढ़ है. अखिलेश अगर करहल में कैंपेन कर रहे हैं, तो सीएम योगी भी गोरखपुर से प्रचार कर रहे हैं.
विनोद अग्निहोत्री के मुताबिक करहल का जातिगत समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में नजर आ रहा है.
(आप इस पूरी चर्चा को ऊपर शेयर किए गए वीडियो पर क्लिक कर विस्तार से देख और सुन सकते हैं.)
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