खाली कुर्सियों से रैली रद्द या PM की सुरक्षा में चूक वजह? पंजाब मामले पर UP में भी सियासत

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पंजाब में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सुरक्षा में चूक’ के मामले में उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के…

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पंजाब में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सुरक्षा में चूक’ के मामले में उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है.

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बता दें कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सड़क मार्ग से जाते समय एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट के लिए उस वक्त फंस गए जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को ब्लॉक कर दिया.

इसके बाद प्रधानमंत्री रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली लौट गए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में ‘गंभीर चूक’ करार दिया है.

बीजेपी ने कांग्रेस पर बोला हमला

इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. सीएम योगी ने बुधवार को कहा , ”प्रधानमंत्री जी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा के साथ जो खिलवाड़ पंजाब की सरकार के संरक्षण में पंजाब के अंदर हुआ है, वह पंजाब के अंदर व्याप्त अराजकता और दुर्व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है.”

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इसके आगे उन्होंने कहा, ”कांग्रेस सदैव से इस देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं की अवमानना करती रही है. इसका एक उदाहरण एक बार फिर से देश ने देखा है. हमारे लोकप्रिय नेता और देश के माननीय प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा के साथ जो गंभीर चूक आज पंजाब में हुई है, वो अक्षम्य है. कांग्रेस को और पंजाब सरकार को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.”

वहीं, बीजेपी के सांसद रवींद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री की ‘सुरक्षा में चूक’ के मामले को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की साजिश करार दिया है और कहा है कि बीजेपी शासित राज्यों में कांग्रेस नेता को दाखिल नहीं होने दिया जाएगा.

सलेमपुर सीट से बीजेपी सांसद कुशवाहा ने बुधवार रात जिले के बिल्थरारोड क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ”पंजाब में जो हुआ उसके सूत्रधार राहुल गांधी हैं. पंजाब में कांग्रेस की सरकार है तो हमारे प्रधानमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार हुआ. उत्तर प्रदेश समेत देश के 18 राज्यों में बीजेपी की सरकार है. अब हम इनमें से किसी भी राज्य में राहुल गांधी को प्रवेश नहीं करने देंगे.”

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कांग्रेस ने इस तरह किया पलटवार

इस मामले में कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर इस जनसभा को रद्द किया गया.

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘बीजेपी पंजाब और अन्य राज्यों में हार तय देखकर ऐसे हथकंडे अपना रही है जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देता. पंजाब में कुर्सियां खाली थीं, लोग नहीं पहुंचे थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी को लेकर किसानों और आम लोगों में विरोध है. ऐसे में बीजेपी की ओर से ऊल-जलूल बातें की जा रही हैं.”

इस मामले पर यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ”कुर्सियां लगाईं 70000 और 700 की भी भीड़ नहीं जुटा पाए. इसलिए दोष सुरक्षा की खामी पर लगाए. देश जानता है सच्चाई, क्यों बीच रास्ते से हुई विदाई.”

इसके अलावा यूपी कांग्रेस ने कहा, ”मोदी जी के आज (बुधवार) के कार्यक्रम में रोड से जाना था ही नहीं, तो फिर ये सब क्यों किया? पंजाब को गाली दिलवाने के लिए, किसान आंदोलन में जो नफरत पंजाब और सिखों के खिलाफ फैलाई उसे गाढ़ा करने के लिए, भाजपा समर्थकों से देश के एकमात्र दलित मुख्यमंत्री को गाली दिलवाने के लिए.”

यूपी कांग्रेस ने कहा, ”एक दलित मुख्यमंत्री से इतनी नफरत भाजपा को और वो मुख्यमंत्री जो कह रहा है कि जान देकर भी पीएम की रक्षा करता.”

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, इस मामले पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि अगर कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने रास्ते पर आ गया तो इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ नहीं जोड़ना चाहिए और इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय का क्या कहना है?

पीएम मोदी दिल्ली से सीधे हवाई मार्ग से बठिंडा पहुंचे थे. कहा जा रहा है कि मौसम अनुकूल ना होने की वजह से सड़क मार्ग से वह हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना हो गए. उनका काफिला जब फिरोजपुर-मोगा सड़क मार्ग पर स्थित पियारियाना गांव के निकट पहुंचा तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस रास्ते को ब्लॉक कर दिया जहां से प्रधानमंत्री को गुजरना था और इस वजह से उन्हें 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर इंतजार करना पड़ा.

फिरोजपुर के उपमहानिरीक्षक इंदरबीर सिंह ने बताया कि करीब 100 की संख्या में किसान अचानक उस मार्ग पर पहुंच गए और सड़क को ब्लॉक कर दिया.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक प्रक्रिया के अनुसार, राज्य सरकार को ‘लॉजिस्टिक्स’ और सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना को तैयार रखते हुए इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था करनी होती है, आकस्मिक योजना को ध्यान में रखते हुए, पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी यात्रा को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने चाहिए थे, जिन्हें स्पष्ट रूप से तैनात नहीं किया गया था.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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