Mohammad Qasim : इंटरव्यू में पूछ दिया ऐसा सवाल कि बोलना पड़ा दूसरा पूछ लीजिए..

यूपी तक

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कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं हो सकता जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों,ये कहावत यूपी के 135वीं रैंक हासिल कर पीसीएस-जे की परीक्षा को क्वॉलिफाई करने वाले मोहम्मद कासिम पर सटीक बैठती है.

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कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं हो सकता जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों,ये कहावत यूपी के संभल से 135वीं रैंक हासिल कर पीसीएस-जे की परीक्षा को क्वॉलिफाई करने वाले मोहम्मद कासिम (29 ) पर सटीक बैठती है. बता दें कि कासिम की कहानी काफी प्रेरक है. मिली जानकारी के मुताबिक, कासिम कुछ साल पहले तक खुद का ठेला लगाकर हलीम बचने का काम करते थे. बता दें कि शुरुआती शिक्षा के दौरान उनका बचपन पिता के ठेले पर ही गंदी प्लेट धोने में बीता.

Who says that there cannot be a clue in the sky, so throw a stone with all your heart, friends, this saying suits Mohammad Qasim (29), who qualified the PCS-J exam by securing 135th rank from Sambhal, UP. Let us tell you that Qasim’s story is quite inspiring. According to the information received, till a few years ago, Qasim used to run his own cart to save Haleem. Let us tell you that during his initial education, his childhood was spent washing dirty plates at his father’s cart.

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