लखनऊ: बुल्डोजर कार्रवाई के बीच बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा गिरा, आसपास के मकान क्षतिग्रस्त
यूपी में आज के समय में बुल्डोजर का ये हाल है कि प्रदेश में पत्ता हिलता नहीं कि बुल्डोजर की चाबी घूम जाती है. लेकिन…
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यूपी में आज के समय में बुल्डोजर का ये हाल है कि प्रदेश में पत्ता हिलता नहीं कि बुल्डोजर की चाबी घूम जाती है. लेकिन…
यूपी में आज के समय में बुल्डोजर का ये हाल है कि प्रदेश में पत्ता हिलता नहीं कि बुल्डोजर की चाबी घूम जाती है. लेकिन हर बार बुल्डोजर का ये टशन अब आम आदमी के लिए जान की मुसीबत बन गया है. जी, हां मामला ही कुछ ऐसा है.
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दरअसल, राजधानी लखनऊ में शनिवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया. ये घटना लखनऊ के हजरतगंज इलाके में बनी याजदान बिल्डर की अलाया अपार्टमेंट में घटी जब लखनऊ विकास प्रधिकरण के आदेश पर इसे तोड़ने का काम किया जा रहा था.
भारी भरकम मशीनों से बिल्डिंग तोड़ने के समय अचानक बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर नीचे आ गया, जिससे आस-पास के मकान क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा वहां पर खड़ी गाड़ियां भी टूट गईं. गनीमत रही कि कोई व्यक्ति इमारत की चपेट में नहीं आया.
इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया. आसपास के लोगों की भीड़ लग गई. इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बिल्डिंग का मलबा काफी मात्रा में बिखरा पड़ा है, जिसे बुल्डोजर की मदद से हटाया जा रहा है.
फिलहाल मौके पर किसी की जान को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सवाल ये है कि मौके की स्थिति और बिल्डिंग की मजबूती देखे बिना कैसे रिहाइशी इलाके में इतनी बड़ी बिल्डिंग को गिराने का काम इतनी बड़ी लापरवाही से चल रहा था. ऐसे में जब हमने यहां पर पहुंचे लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जिसका जो नुकसान हुआ है एलडीए उन्हें मुआवजा देगा.
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अब घटना के बाद प्राधिकरण के अधिकारी भले ही मैनुअली बिल्डिंग को तोड़ने की बात कर रहे हों लेकिन सवाल है कि अगर किसी भी व्यक्ति कि इस हादसे में जान चली जाती तो कौन इसका जिम्मेदार होता. क्या इतनी ऊंची बिल्डिंग जिसके आस-पास गली में इतने मकान हैं उसे ऐसे तोड़ना उचित था?
बता दें कि इस बिल्डिंग में कुल 48 फ्लैट थे, जिसमें से 37 फ्लैट बेचे जा चुके थे. ऐसे में अब इन फ्लैटों को तोड़ा जा चुका है. आगे आने वाले दिनों में देखना होगा कि स्थानीय लोगों को मुआवजा मिलता है या नहीं.
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