Kanpur Tak: 32 साल पहले मामले में राकेश सचान को मिली बड़ी राहत, MP-MLA कोर्ट ने किया बरी
कानपुर में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को इस बार कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. इस बार 32…
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कानपुर में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को इस बार कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. इस बार 32…
कानपुर में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को इस बार कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. इस बार 32 साल पहले राकेश सचान को सरकारी भवन कब्जा करने के आरोप में एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है.
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जिस मामले में राकेश सचान को बरी किया गया है, वह केस उनके खिलाफ साल 1990 में दर्ज किया गया था. आरोप है कि इलाके के डेवलपमेंट बोर्ड की बिल्डिंग पर घातक असलहा लेकर राकेश सचान ने अपने साथियों के साथ कब्जा कर लिया था, जिसकी एफआईआर ग्वालटोली थाने में दर्ज कराई गई थी.
इस मामले में एक सरकारी कर्मचारी गवाह था, जो बाद में गवाही से पलट गया. 7 अक्टूबर को अदालत ने राकेश सचान को सभी धाराओं में दोष मुक्त करते हुए बरी कर दिया. मंत्री राकेश सचान खुद इस दौरान अदालत में मौजूद थे. उनके वकील कपिल देव सचान ने कहा कि अदालत ने हमारे तर्कों को सही माना और हमारे क्लाइंट को बरी कर दिया, क्योंकि उनको बेगुनाह फंसाया गया था.
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा कि मुझे इस केस में फंसाया गया था, इसलिए कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया है.
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राकेश सचान के लिए यह बड़ी राहत वाली बात है, क्योंकि कानपुर की अदालतों में अभी भी उनके खिलाफ पांच मुकदमे चल रहे हैं.
बता दें कि मंत्री राकेश सचान अभी कुछ दिनों पहले ही कानपुर में अदालत के अंदर कोर्ट के आदेश की पत्रावली फाड़ने के आरोप में घिर गए थे, जिसको लेकर काफी हंगामा मचा था.
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हालांकि, सचान ने अदालत से भागने के आरोप को गलत बताते हुए दावा किया कि उनका मुकदमा अंतिम निर्णय के लिए सूचीबद्ध नहीं था. बहरहाल इस मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए शहर कोतवाली में शिकायत दी गई है.
प्रदेश के मौजूदा कैबिनेट मंत्री सचान ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत समाजवादी पार्टी के साथ की थी और वह साल 1993 और 2002 में कानपुर की घाटमपुर सीट से विधायक चुने गए थे. उसके बाद साल 2009 में वह फतेहपुर सीट से सांसद भी बने थे. सचान इस साल के शुरू में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Kanpur Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
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