ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी केस: कोर्ट ने पक्षकार बनने के सभी प्रार्थनापत्र किए खारिज

रोशन जायसवाल

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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Masjid and Shringar Gauri Case) में आज अहम दिन इसलिए था, क्योंकि जिला जज अजय कृष्ण…

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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Masjid and Shringar Gauri Case) में आज अहम दिन इसलिए था, क्योंकि जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने केस में पक्षकार बनने के मकसद से दी गई कुल 16 याचिकाओं को खारिज कर दिया है. जिला जज ने पहले ही लगभग आधा से ज्यादा पक्षकार बनने वाली 1-10 के तहत दी गई याचिकाओं को खारिज कर दिया था और बची हुई अन्य याचिकाओं को भी आज खारिज कर दिया. कोर्ट ने अब सुनवाई की अगली तिथि 2 नवंबर की तय की है यश जैन 82ग और 256ग के प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई करेगी.

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जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडे ने कहा कि जिन लोगों ने मामले में पक्षकार बनने के लिए आवेदन दायर किया था, उनमें काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी, हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता, बुनकर मुख्तार अहमद अंसारी और ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा शामिल थे.

जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बंद पड़े दो तहखानों के सर्वेक्षण के आलोक में हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार को दो नवंबर की तारीख मुकर्रर की. इसके साथ ही, अदालत ने मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा समय पर आपत्ति प्रस्तुत न कर पाने के लिये मुस्लिम पक्ष पर 100 रुपये का अर्थदंड लगाया.

जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडेय ने बताया, ‘हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं ने इससे पहले अदालत में ज्ञानवापी परिसर में बंद पड़े तहखानों के सर्वेक्षण की अपील की थी. अदालत ने मुस्लिम पक्ष को इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय दिया था.’

उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए अदालत से आज और समय मांगा, जिस पर अदालत ने उनपर 100 रुपये का अर्थदंड लगा दिया.

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पांडेय ने बताया कि हिन्दू पक्ष की एक याचिकाकर्ता राखी सिंह के अधिवक्ता ने ज्ञानवापी परिसर में मिले लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा को सुरक्षित रखने के लिए अदालत में एक प्रार्थना पत्र दायर किया है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के बराबर में स्थित है और वाराणसी की अदालत में चल रहे इस मुकदमे से उन दावों को फिर से बल मिलने लगा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के कहने पर मंदिर के एक हिस्से को गिरा कर उसकी जगह मस्जिद बनायी गई थी.

इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.

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