Deoria Hatyakand : देवरिया कांड के बाद गांव में ये कैसा श्मशान बन गया?
Deoria Hatyakand : देवरिया कांड के बाद गांव में ये कैसा श्मशान बन गया?
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Deoria Hatyakand : देवरिया कांड के बाद गांव में ये कैसा श्मशान बन गया?
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ये गलियां..ये सड़कें..ये खेत-खलिहान जो इस वक्त ऐसे उजाड़ नजर आ रहे हैं पहले न थे.पहले यहां की गलियां वीरान न थीं..पहले ये गलियां ये खेत..ये रास्ते सब गुलजार थे..फिर अचानक 2 अक्टूबर देवरिया के इतिहास के पन्नों में काला दिन बनकर आया.जब एक साथ एक ही गांव के 6 लोगों की हत्या हो गई.शांत और खुशहाल रहने वाले गांव में कोहराम मच गय.देवरिया के सिर पर मौत का तांडव जिसने भी देखा उसकी रूह कांप गई.न इंसान न जानवर न कोई पक्षी,किसी की कोई आहट नहीं.
These streets…these roads…these fields and barns which are looking so desolate at the moment were not there before.Earlier the streets here were not deserted…Earlier these streets, these fields…these roads were all buzzing…then suddenly October 2 became a black day in the pages of the history of Deoria. When 6 people from the same village were murdered simultaneously. There was chaos in the peaceful and happy village. Whoever saw the orgy of death on the head of Deoria, his soul was shattered. She shivered. There was no human being, no animal, no bird, no sound from anyone.
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