दूरबीन वाले बयान को लेकर निशाने पर अमित शाह, पूछा गया- ‘बगल में खड़ा बाहुबली कैसे दिखेगा’

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यूपी विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमले का कोई मौका चूकती नजर नहीं आ…

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यूपी विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमले का कोई मौका चूकती नजर नहीं आ रही हैं. ऐसा ही कुछ गृह मंत्री अमित शाह के यूपी दौरे के बाद से प्रदेश की सियासत में देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को यूपी में मेरा परिवार, बीजेपी परिवार सदस्यता अभियान शुरू कर एक तरह से विधानसभा चुनावों के लिए हल्ला बोलते हुए शाह ने अखिलेश-कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. अब अमित शाह के बयान का हिस्सा लेकर कांग्रेस के साथ-साथ अखिलेश यादव ने भी गृह मंत्री पर निशाना साध लिया है.

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आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह ने आखिर ऐसा क्या कहा था, जिसपर विपक्षी निशाना साध रहे हैं. असल में बीजेपी के कार्यक्रम के दौरान अमित शाह योगी सरकार की तारीफ कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में हर जिले में दो-तीन बाहुबली दिखते थे, लेकिन आज दूरबीन लगाकर देखने पर भी नजर नहीं आते. शाह हाथों को आंखों पर ले जाकर दूरबीन की तरह का हाव-भाव बनाते भी देखे गए.

अब इसी को लेकर कांग्रेस और अखिलेश ने शाह पर तंज कसा है. यह तंज केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की शाह के साथ स्टेज पर मौजूदगी को लेकर कसा गया है. यूपी कांग्रेस ने शाह का बयान और अजय मिश्रा संग उनकी तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘दूरबीन से सामने दिखता है अमित शाह जी और जब बाहुबली बगल में खड़ा हो तो कैसे दिखेगा.’

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वहीं अखिलेश यादव ने अजय मिश्रा की शाह के साथ एक तस्वीर टैग करते हुए कहा, ‘झूठी दूरबीन लेकर ढूंढने का ढोंग पूरा था जबकि ‘बगल में छोरा जगत ढिंढोरा’ था.’ आपको बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी में किसानों को कथित तौर पर गाड़ी से कुचलने के आरोप लगे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दल इस मामले में अजय मिश्रा टेनी को भी बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.

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विपक्ष का तर्क है कि अगर पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जैसे अहम और शक्तिशाली पद पर हैं, तो पुलिस कैसे उनके बेटे पर लगे आरोपों की सही से जांच करेगी. हालांकि विपक्ष के तमाम दबावों और संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन के बावजूद अबतक केंद्रीय मंत्री टेनी का इस्तीफा नहीं हुआ है और फिलहाल इसके संकेत भी नजर नहीं आ रहे हैं.

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