राज्यसभा चुनाव: अखिलेश नहीं खड़ा करेंगे चौथा उम्मीदवार? BJP की तरफ से ये 15 नाम रेस में

कृपा शंकर झा

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उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है. राज्यसभा चिनाव के मद्देनजर अखिलेश यादव ने जहां कपिल सिब्बल, जयंत चौधरी और जावेद अली को मैदान में उतारा है तो वहीं बीजेपी की ओर से 15 नामों की सूची आलाकमान को भेज दिया गया जिसपर आखिरी निर्णय होना बाकी है.

बीजेपी की ओर से पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, शिव प्रताप शुक्ला, बाबूराम निषाद, प्रकाश पाल, नरेश अग्रवाल, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर, संजय सिंह, मानवेंद्र सिंह,जफर इस्लाम सहित कुल 15 नाम भेजे गए हैं.

हालांकि सूत्रों की मानें तो बीजेपी आलाकमान मुख्तार अब्बास नकवी और राधामोहन दास अग्रवाल के नामों पर भी विचार कर रही है, लेकिन इन सब के बीच समाजवादी पार्टी ने चौथे कैंडिडेट को मैदान में उतारने को लेकर अपना पक्ष साफ कर दिया है.

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ये साफ कर दिया है कि राज्यसभा चुनाव में सपा की ओर से बस तीन कैंडिडेट ही चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि 11 में से एक सीट पर सपा और बीजेपी के बीच पेंच फंस सकता है, लेकिन अखिलेश यादव ने ये साफ कर दिया है कि अब सपा की ओर से बस 3 प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे.

दरअसल राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के कुल 31 सदस्यों में से 11 सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा हो रहा है. इनमें भाजपा के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जयप्रकाश निषाद शामिल हैं. इसके अलावा सपा के सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह और विशंभर प्रसाद निषाद का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है.

वोटिंग की ये है गणित

बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 273 सीटें जीती हैं. जबकि सपा गठबंधन के पास 125 विधायक हैं. इसके अलावा कांग्रेस के पास 2, बसपा के पास एक और राजा भईया के पास दो विधायक हैं. यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. ऐसे में एक सीट जीतने के लिए 34 विधायकों का वोट जरूरी हैं. बीजेपी का 11 में 7 पर जीतना तय माना जा रहा है. वहीं, सपा गठबंधन भी 3 सीटों पर आसानी से जीत सकती है.

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पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि पेंच एक सीट पर फंस सकता है, लेकिन ऐन मौके पर सपा की और से ये साफ कर दिया गया कि उनकी पार्टी बस 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

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