UP चुनाव 2022: मुरादाबाद में इस दिन होगी वोटिंग, विस्तार से जानिए यहां की सियासी तस्वीर

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चुनाव आयोग (Election Commission) ने 8 जनवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly election) 2022 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. जाहिर सी बात है मुरादाबाद वासियों को यह जानने की उत्सुकता होगी कि जिले में वोटिंग कब होगी? आपको जिज्ञासा को दूर करते हुए बताते हैं कि मुरादाबाद शहर, ठाकुरद्वारा, कांठ, बिलारी, मुरादाबाद ग्रामीण और कुंदरकी में दूसरे चरण के तहत 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे.

गौरतलब है कि यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे, जबकि चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.

मुरादाबाद जिले की प्रोफाइल पर एक नजर डालिए-

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उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुरादाबाद में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी (एसपी) पूरे जोर-शोर के साथ आगामी चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए तैयारियों में जुट गई है. 2017 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो बीजेपी की लहर होने के बावजूद एसपी ने मुरादाबाद विधानसभा क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था.

पिछली बार बीजेपी ने मुरादाबाद विधानसभा क्षेत्र में जो 2 सीट जीतीं थीं, उनमें जीत का अंतर् कम था. कांठ सीट पर 2,348 जबकि मुरादाबाद (शहर) सीट पर 3,193 वोटों के अंतर से बीजेपी जीती थी. आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए इन दोनों सीटों पर फिर से जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है.

आइए मुरादाबाद जिले की प्रोफाइल पर एक नजर डालते हैं.

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मुरादाबाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक है. इसकी स्थापना साल 1600 में मुगल बादशाह शाहजहां के पुत्र मुराद ने की थी, जिसके बाद से यह ये शहर मुरादाबाद के नाम से जाना जाने लगा. मुरादाबाद राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली से 167 कि.मी. (104 मील) की दूरी पर राम गंगा नदी (गंगा की एक सहायक नदी) के तट पर स्थित है.

अपने पीतल के काम के लिए प्रसिद्ध इस जिले को पीतल नगरी भी कहा जाता है. मुरादाबाद के आकर्षक पीतल के बर्तन अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया जैसे देशों में निर्यात किए जाते हैं. मुरादाबाद से भी मेंथा भी निर्यात किया जाता है.

  • साल 2017 के विधानसभा चुनाव में एसपी ने 6 में 4 विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी. जबकि अन्य 2 सीट बीजेपी की झोली में गईं थीं.

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  • 2012 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों के अनुसार, मुरादाबाद विधानसभा क्षेत्र में एसपी ने 4 जबकि बीजेपी और पीस पार्टी ने 1-1 सीट जीती थी.

  • आइए विस्तार से देखते हैं कि 2012 और 2017 में मुरादाबाद विधानसभा क्षेत्र में क्या थी सियासी तस्वीर.

    ठाकुरद्वारा

    2017: इस चुनाव में सपा के नवाब जान ने बीजेपी के राजपाल सिंह चौहान को 13,409 वोटों से हराया था.

    2012: इस चुनाव में बीजेपी के कुंवर सर्वेश कुमार ने विजय कुमार को 37,974 से हराया था.

    कांठ

    2017: इस चुनाव में बीजेपी के राजेश कुमार सिंह ने सपा के अनीसुर्रहमान को 2,348 वोटों से हराया था.

    2012: इस चुनाव में पीस पार्टी के अनीसुर्रहमान ने बीएसपी के रिजवान अहमद खान को 1,534 वोटों से हराया था.

    बिलारी

    2017: इस चुनाव में सपा के मोहम्मद फईम ने बीजेपी के सुरेश सैनी को 13,441 वोटों से हराया था.

    2012: इस चुनाव में सपा के मोहम्मद इरफान ने बीएसपी के 1,540 वोटों से हराया था.

    मुरादाबाद शहर

    2017: इस चुनाव में बीजेपी के रितेश कुमार गुप्ता ने सपा के मोहममद युसूफ अंसारी को 3,193 वोटों से हराया था.

    2012: इस चुनाव में सपा के युसूफ अंसारी ने बीजेपी के रितेश कुमार गुप्ता को 20,238 वोटों से हराया था.

    मुरादाबाद ग्रामीण

    2017: इस चुनाव में सपा के हाजी इकराम कुरैशी ने बीजेपी के हरिओम शर्मा को 28,781 वोटों हराया से था.

    2012: इस चुनाव में सपा के शमीउल हक ने बीजेपी के सुरेश चंद्र सैनी को 1,777 वोटों से हराया था.

    कुन्दरकी

    2017: इस चुनाव में सपा के मोहम्मद रिजवान ने बीजेपी के रामवीर सिंह को 10,821 वोटों से हराया था.

    2012: इस चुनाव में सपा के मोहम्मद रिजवान ने बीजेपी के रामवीर सिंह को 17,201 वोटों से हराया था.

    मुरादाबाद शहर के विधायक ने किया था यूनिवर्सिटी का वादा

    2017 में मुरादाबाद शहर से बीजेपी की टिकट से विधायक बनने के बाद रितेश कुमार गुप्ता ने जिले में एक सरकारी यूनिवर्सिटी बनाने का वादा किया था. इस सिलसिले में वह लखनऊ में सीएम योगी से भी मिले, उन्हें प्रस्ताव भी दिया. लेकिन इस योजना पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है.

    जीएसटी से पड़ा ब्रास इंडस्ट्री पर असर

    स्थानीय एक्सपर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई जीएसटी व्यवस्था के कारण मुरादाबाद की मशहूर ब्रास इंडस्ट्री पर खासा असर पड़ा है. इसके चलते मुरादाबाद से एक्सपोर्ट होने वाले पीतल के सामान में गिरावट का दावा किया गया है. अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर घिर रही बीजेपी खुद को चुनाव से पहले कैसे बचाती है.

    इनपुट: शरद शर्मा

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