सरकार की छवि पर बट्टा लगाने वाले नौकरशाहों पर एक्शन ले सकते हैं सीएम योगी, तलब की रिपोर्ट

कुमार अभिषेक

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उत्तर प्रदेश में कई विभागों के तबादला एक्सप्रेस में कथित तौर पर भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अधिकारियों को बख्शने के मूड में नहीं दिख रहे हैं.

खासकर जिस तरीके से पहले स्वास्थ्य विभाग में तबादले को लेकर खुद मंत्री ने सवाल उठाए. उसके बाद पीडब्ल्यूडी में तबादले में कथित गड़बड़ी सामने आई और फिर पशुपालन विभाग में भी ऐसा ही मामला सामने आया. इसके बाद से तबादलों के इस मौसम में योगी आदित्यनाथ कड़ा एक्शन लेने के मूड में दिखाई दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के नौकरशाहों पर जल्द गाज गिर सकती है, क्योंकि हालिया तबादलों ने सरकार की छवि को बट्टा लगाया है. ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम योगी सरकार की छवि खराब करने वाले नौकरशाहों पर एक्शन लेने की तैयारी में हैं.

इन दिनों स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के आला नौकरशाहों की बेअंदाजी से योगी आदित्यनाथ खासे खफा बताए जा रहे हैं. सिर्फ स्वास्थ्य और पीडब्ल्यूडी ही नहीं, पशुपालन विभाग में बेअंदाज अफसरों द्वारा किए गए कथित घोटाले को लेकर भी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.

ऐसे में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबादलों में गड़बड़ी और पशुपालन विभाग में हुए कथित घोटाले पर कड़ा रुख अपनाया है. जिसके तहत उन्होंने सीनियर आईएएस अफसरों की कमेटी बनाकर पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर उसे दो दिनों में मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपने के निर्देश दिए हैं.

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स्वास्थ्य विभाग में बीते 30 जून को हुए तबादलों को लेकर सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए ट्रांसफर नीति का पालन न होने की बात कही थी. यहीं नहीं, बृजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की अगुवाई में हुए तबादलों पर नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा था. इस पत्र में बृजेश पाठक ने तबादलों में तमाम तरह की गड़बड़ियां सामने आने की बात कही थी और इस संबंध में अमित मोहन प्रसाद से स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन अमित मोहन प्रसाद ने उपमुख्यमंत्री के लिखे पत्र का कोई जवाब नहीं दिया. जिसके चलते देखते ही देखते यह प्रकरण तूल पकड़ गया और केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले में पूछताछ कर ली.

ऐसे में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के तबादलों को लेकर रिपोर्ट तलब की और पूरे प्रकरण को समझने के बाद उन्होंने मुख्य सचिव डीएस मिश्रा की अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी. इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को रखा गया है. यह कमेटी तबादलों में हुई कथित गड़बड़ियों की समीक्षा कर दो दिन में सीएम योगी को रिपोर्ट सौंपेगी.

इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों की कथित गड़बड़ियों की जांच करने के लिए तीन आईएएस अफसरों की कमेटी बनाई गई है. तबादला नीति का अनदेखी करते हुए तीन साल पहले मर चुके जूनियर इंजीनियर घनश्याम दास का तबादला झांसी कर दिया. ऐसे ही एक शख्स राजकुमार का तबादला इटावा से ललितपुर किया गया था. बाद में पता चला कि राजकुमार नाम का कोई शख्स विभाग में है ही नहीं.

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यहीं नहीं, एक-दो साल में रिटायर होने वाले कई कर्मचारियों का तबादला बहुत दूर के जिलों में कर दिया गया. तबादलों की ऐसी तमाम खामियों की जांच करने वाली इस कमेटी में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी शामिल हैं. ये तीनों आईएएस भी पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर दो दिनों में मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगे.

इसी प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने करीब 50 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच अपर मुख्य सचिव को सौंपी है. इस कथित घोटाले को विभाग के आला अफसरों ने अंजाम दिया है. आरोप है कि विभाग के अधिकारियों ने दवाई और उपकरणों की खरीद दोगुना दाम पर की है.

अब कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उक्त कमेटियों की रिपोर्ट मिलते ही उन बेअंदाज नौकरशाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे, जिसकी बेअंदाजी के चलते सरकार की छवि खराब हुई है.

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