यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे 80% हुआ पूरा, सामने आई ये बड़ी जानकारी

कुमार अभिषेक

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UP Madarsa Survey: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने हाल ही में राज्य में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का आदेश दिया था. आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम चल रहा है. बता दें कि अभी तक 80 प्रतिशत सर्वे का काम पूरा हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार 6502 में से 5200 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. सर्वे के दौरान प्रदेश के कई जिलों में बड़े स्तर पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसा पाए गए हैं.

आपको यह भी बता दें कि मुरादाबाद में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सबसे बड़ा जाल सामने आया है. खुलासा हुआ है कि अभी तक मुरादाबाद (Moradabad) में सबसे ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं. यहां इन मदरसों की संख्या 585 सामने आई है. सर्वे के दौरान यह भी सामने आया है कि बिजनौर (Bijnor) भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान पर है. तो वहीं बस्ती (Basti) इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. यहां भी भारी संख्या में गैर मान्यता प्राप्त निजी मदरसों की पहचान की गई है.

अभी तक आए आंकड़ों के अनुसार बिजनौर में 450 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान की गई है तो वहीं बस्ती में 401, गोंडा में 281, देवरियां में 270, सहारनपुर में 258, शामली में 244, संत कबीर नगर में 240, मुजफ्फरनगर में 222, सिद्धार्थनगर में 185 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश के बाद बीते 10 सितंबर को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम शुरू किया गया था. बताया जा रहा है कि 20 अक्टूबर को सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो जाएगा.

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गौरतलब है कि सर्वे की टीम 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट हर जिले के डीएम को सौंप देगी जबकि सभी जिले से शासन को यह रिपोर्ट 15 नवंबर तक भेजी जाएगी.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित हो रहे सभी गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों के सर्वेक्षण का आदेश 31 अगस्त को दिया था. योगी सरकार के इस सर्वे पर विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाए थे.

योगी सरकार के आदेश के मुताबिक, 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करके 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया था. आपको बता दें कि प्रदेश में इस वक्त लगभग 16 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें विश्व प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि  राज्य सरकार के फैसले के बाद अब इनका भी सर्वे किया जाएगा.

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