आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पहले सुनवाई कर चुके जजों के सामने रखी जाए: सुप्रीम कोर्ट

भाषा

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़े एक मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) द्वारा दायर जमानत याचिका को ऐसी पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए जिसमें ऐसे न्यायाधीश हों जो पहले इस मामले की सुनवाई कर चुके हैं.

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह इस याचिका को उचित पीठ के समक्ष रखने के लिए प्रधान न्यायाधीश से आदेश प्राप्त करे.

पीठ ने कहा कि न्यायिक मर्यादा के अनुसार इस मामले को ऐसी पीठ के समक्ष रखा जाए जिसमें कम से कम एक न्यायाधीश ऐसे हों जो पहले इस मामले पर गौर कर चुके हैं.

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 18 अप्रैल को मामले में आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह में आत्मसमर्पण करने को कहा था.

पीठ ने यह भी कहा था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ‘पीड़ितों’ को ‘निष्पक्ष और प्रभावी सुनवाई’ से वंचित कर दिया गया और अदालत ने ‘सबूतों को लेकर अदूरदर्शी दृष्टिकोण’ अपनाया.

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