अयोध्या में बृजभूषण मंच से लगे गाने और कविता सुनाने, जानें पहलवानों को दिया ये कैसा संदेश?
महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में लोगों को संबोधित किया.…
ADVERTISEMENT
महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में लोगों को संबोधित किया.
यूपी के कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बृजभूषण ने कहा,
“अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप सिद्ध हुआ तो फांसी पर लटक जाऊंगा.”
गौरतलब है कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने ओलंपिक और विश्व पदक विसर्जित करने पहुंचे, लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर उन्होंने पदक विसर्जित नहीं किए. इसे लेकर WFI चीफ ने कहा कि मुझे फांसी नहीं हुई तो पहलवान गंगा नदी में मेडल बहाने चले गए.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
बीजेपी सांसद ने कहा,
“मैं इन खिलाड़ी को बैर नहीं देता. ये मेरे बच्चे थे, इनकी कामयाबी में मेरा हाथ है. 10 दिन पहले तक मुझे अपनी कामयाबी का भगवान कहते थे. जो टीम में 18 नंबर पर थे वो टॉप 5 में आई. ओलंपिक के 7 मेडल में 5 मेरे कार्यकाल में आए.”
बृजभूषण ने कहा, “पहलवान आरोप मुझपर इसलिए लगा रहे हैं, क्योंकि भगवान मुझसे कुछ बड़ा काम कराना चाहते हैं.”
ADVERTISEMENT
उन्होंने कहा, “इस आरोप से गांव, नौजवान, संत अधिकारी कोई सुरक्षित नहीं. अपने ही कहते हैं कि बिना आग के धुआं नहीं उठता. कबीर दास ने कहा था कि ये कलयुग है कुछ भी हो सकता है, इसलिए मैं लड़ गया.”
मंच से बृजभूषण ने एक कविता पढ़ी.
ADVERTISEMENT
उन्होंने कहा,
“आंधियां जहां उमंग नहीं भरती हैं, छातियां जहां संगीनों से डरती हैं, शोणित के बदले अश्रू जहां बहता है, वह देश कभी स्वाधीन नहीं रहता है.”
उन्होंने कहा कि एकै ऊदल के जियरा पे चमके तीन लाख तलवार.
उन्होंने कहा,
“जब अयोध्या में राजा दशरथ भगवान राम को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे तब सबसे ज्यादा खुश कैकई थी, तब मंथरा ने कैकई का मन खराब कर दशरथ को दिए 2 वरदान मांग लिए थे.”
WFI चीफ ने कहा कि अगर राम को वनवास नहीं होता तो इतिहास कैसे बनता. कैकई और मंथरा को इसका श्रेय देना चाहिए.
बृजभूषण ने कहा कि अब मुझे कुछ बड़ा काम करना है, इसलिए 5 तारीख को संतों का बड़ा कार्यक्रम है. पाप करने वाला ही पापी नहीं होता, जो मौन है वो भी भागीदार होता है.
उन्होंने कहा कि साल 1975 में जब इंदिरा ने आपातकाल लगाया तब कांग्रेसी को छोड़कर सब जेल गए. मैं भी जेल गया था, पर 60 साल बाद जो समर्थन मुझे मिला वो किसी को नहीं मिला.
बृजभूषण ने कहा,
“मेरा नाम पर अगर क्षत्रिय खड़ा है तो ब्राह्मण, तेली, गडरिया, मुसलमान और जाट भी खड़ा है. मुझे इतना समर्थन है कि 85 फीसदी हरियाणा भी मेरे साथ है.”
उन्होंने कहा कि कोई ऐसा प्रांत नहीं, जहां से समर्थन नहीं. ऊपर वाला कोई काम लेने वाला है जो संत बताएंगे.
ADVERTISEMENT