उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को दूसरे दिन अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई थी.…
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उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को दूसरे दिन अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई थी. इस सत्र में सदन की कार्यवाही 7 घण्टे 48 मिनट चली, जिसमें विधानसभा की कार्यवाही 15-15 मिनट दो बार स्थगित हुई.
कार्यवाही के दौरान अल्पसूचित प्रश्न 00, तारांकित प्रश्न 354, अतारांकित प्रश्न 1482 प्राप्त हुए। इनमें कुल 204 प्रश्नों के उत्तर दिए गए.
1185 प्रश्न (44.41 प्रतिशत) आनलाइन प्राप्त हुए. इसी प्रकार सरकार से वक्तव्य मांगने वाले नियम-51 के अन्तर्गत 135 सूचनाएं प्राप्त हुईं. 5 दिसम्बर से प्रारम्भ हुए 18वीं विधान सभा के तृतीय सत्र में नियम-301 के तहत कुल 96 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 96 को स्वीकृत किया गया. नियम-56 के अन्तर्गत कुल 15 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिसमें 03 अग्राह्य हुईं जबकि एक सूचना पर ध्यानाकर्षण किया गया.
इस सत्र में कुल-650 याचिकाएं सदन में प्राप्त की गईं. सत्र में 6 विधेयक पेश किए गए. उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत संशोधन 2022 -इंटरमीडिएट शिक्षा विधेयक 2022 – उत्तर प्रदेश अग्निशमन और आपात सेवा, उत्तर प्रदेश विनियोग (2022-2023), उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2022 -उत्तर प्रदेश नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद विधेयक, 2022 को पारित किया गया.
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संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा. सदस्यों की सहमति के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की. अगर सदन सोमवार से बुधवार के लिए प्रस्तावित था, लेकिन एक दिन पहले ही इसे स्थगित कर दिया गया.
विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने गत दिनों सभी विधानसभा सदस्यों को भेजे गए पत्र में अधिसूचित किया था कि यूपी विधानसभा का सत्र पांच दिसंबर से सात दिसंबर तक के लिए प्रस्तावित है और राज्य सरकार ने शीतकालीन सत्र में 2022-2023 के लिए अपना पहला पूरक बजट पेश करने का प्रस्ताव रखा है.
सोमवार को यूपी सरकार ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को साल 2022-23 के लिए अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया था.
बजट में करीब 3376954.67 लाख रुपये की अनुदान मांगों का प्रावधान है, जिसमें फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रयागराज महाकुंभ के लिए भी बजट की व्यवस्था की गई है. मंगलवार को चर्चा के बाद अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पास हो गया.
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(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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