UP: क्यों बंद हुईं पिछली सरकारों में PAC की 54 कंपनियां? जानिए वजह
उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) के अर्ध सैनिक बल, पीएसी (UP PAC) में मंगलवार यानी आज 15, 487 सिपाही शामिल हुए हैं. आज 76…
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उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) के अर्ध सैनिक बल, पीएसी (UP PAC) में मंगलवार यानी आज 15, 487 सिपाही शामिल हुए हैं. आज 76 स्थानों पर हुई 6 माह ट्रेनिंग के बाद 15, 487 नए सिपाही मिले हैं. यूपी PAC को यह बड़ी मानव शक्ति मिली है.
उत्तर प्रदेश में पीएसी की 33 बटालियन हैं और इन 33 बटालियन में 273 कंपनी तैनात हैं. पीएसी की इन 273 कंपनी के अलावा 3 कंपनी एसडीआरएफ और 4 कंपनी एसएसएफ की भी पीएसी के अधीन काम करती हैं.
एक कंपनी पीएसी में एक इंस्पेक्टर, 3 सब इंस्पेक्टर, 22 हेड कॉन्स्टेबल और 97 कॉन्स्टेबल होते हैं. अब अगर मंगलवार को पासिंग आउट परेड के साथ पीएसी बल का हिस्सा बने 15487 जवानों की बात करें तो इनकी संख्या बल के हिसाब से इनकी संख्या 159 कंपनी की जरूरत को पूरा करती है. लेकिन उत्तर प्रदेश में साल 2012 से 2018 तक एक लंबा वक्त पुलिस की भर्तियां के बिना रहा.
पीएसी के लोग रिटायर होते रहे, लेकिन नई भर्तियां नहीं हुईं, जिसकी वजह से लगभग 54 कंपनियों को बंद करना पड़ा. हालत यह हो गई कि जहां एक बटालियन में 8 कंपनियां रहती थीं वहां इनकी संख्या घटकर 6 से 7 हो गई और एक कंपनी में कॉन्स्टेबल की संख्या भी घटकर 65 से 70 रह गई. लेकिन अब एक साथ 15 हजार से अधिक कॉन्स्टेबल मिलने के बाद से उत्तर प्रदेश पीएसी की ताकत बढ़ गई है.
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माना जा रहा है कि 15,487 सिपाहियों से नई कंपनी नहीं, बल्कि पुरानी कंपनियों में जो कॉन्स्टेबल की कमी है उसको पूरा किया जाएगा और पीएसी में जवानों की कमी दूर होगी.
यही वजह है कि लखनऊ में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों में प्रदेश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा था, पीएसी को साजिश के तहत कमजोर कर 54 कंपनियां बंद की गई थीं.
पीएसी के महत्व को बताते हुए रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट डीके धवन कहते हैं कि उत्तर प्रदेश प्रदेश की सुरक्षा के लिए पीएसी का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है. दंगा ग्रस्त इलाका हो या बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में राहत कार्य हो या फिर ईद-दीपावली जैसे त्योहारों पर शांति व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी, हर मोर्चे पर पीएसी सर्वोत्तम बल रही है. यूपी पीएसी की काबिलियत ही है कि चुनाव के दौरान अन्य राज्य में भी चुनाव ड्यूटी के लिए यूपी पीएसी को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जाता है.
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मंगलवार को बढ़ जाएगी यूपी पुलिस की ताकत, 15 हजार नए सिपाही बनेंगे पुलिस विभाग का हिस्सा
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