माफिया मुख्तार को जेल से कभी गुरेज क्यों नहीं रहा? आज जानिए कुछ अनसुने किस्से

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Mukhtar Ansari News: ‘वक्त आदमी को अर्श से फर्श पर लाकर पटक देता है’, ये कहावत माफिया मुख्तार अंसारी पर फिट बैठती है. एक समय ऐसा था जब मुख्तार की पूर्वांचल में तूती बोलती थी. वह आसानी से कानून व्यवस्था को अपने इशारों पर नचाता था. मुख्तार को एक समय जेल से ‘प्यार’ हो गया था. वो जेल में बैठकर वो सब कर लेता था जो आम कैदी कभी सपने में भी न सोच पाए. इस बात को कहने में कोई हर्ज नहीं है कि मुख्तार को एक समय जेल से कोई गुरेज नहीं था. मगर समय कभी एक जैसा नहीं रहता. आज उसी मुख्तार को जेल से डर रहा है. उसने कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा है कि जेल में उसकी हत्या करवाई जा सकती है. मुख्तार के लिए जेल क्यों मुफीद थी, वो जेल में कुछ करता था आज जानिए पूरी कहानी.

मुख्तार को जेल से कभी गुरेज नहीं रहा. ऐसा कहा जाता है कि गाजीपुर जेल तो उसके घर जैसी थी. बाकी जिन जेलों में मुख्तार पहुंचा, उससे पहले उसके चेले-चपाटे-गुर्गे पहुंच जाते थे. जो जेल में नहीं पहुंच पाते थे वो इसके आसपास अपना ठिकाना बना लेते थे. इसके चलते मुख्तार को धंधे की सारी खबरें समय पर मिलती रहती थीं.

मुख्तार जब गाजीपुर जेल में था तभी एक दिन पुलिस रेड में पता चला कि उसकी जिंदगी बाहर से भी ज्यादा आलीशान और आरामदायक चल रही है. अंदर फ्रिज, टीवी से लेकर खाना बनाने के बर्तन तक मौजूद थे. तब उसे मथुरा के जेल में भेज दिया गया.

जेल में खुदवाया था तालाब

मुख्तार को ताजा मछली खाने का शौक था. ये तब की बात है जब वह जेल में बंद था. ऐसे में अपने शौक को पूरा करने के लिए माफिया ने जेल के भीतर ही तालाब खुदवा लिया था, ताकि उसे ताजा मछली खाने को मिल सकें

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