Viral सब्जीवाले रामेश्वर को रोते देखा अब मुस्कुराते देखिए, 2 लाइन में बता दिया जिंदगी का फलसफा
Uttar Pradesh News: राजधानी दिल्ली के आजादपुर मंडी से बीते दिनों एक सब्जीवाले का वीडियो वायरल हुआ था.सब्जीवाले ने बढ़ती महंगाई और सब्जी के बढ़े…
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Uttar Pradesh News: राजधानी दिल्ली के आजादपुर मंडी से बीते दिनों एक सब्जीवाले का वीडियो वायरल हुआ था.सब्जीवाले ने बढ़ती महंगाई और सब्जी के बढ़े दामों की हकीकत कैमरे के सामने बयां किया था. सब्जी विक्रेता से जब रिपोर्टर ने इस बारे में बात की तो उसके आंसू छलक आए. वह खामोश हो गए और इस खामोशी ने उनकी बेबसी बयां कर दी. वहीं आजादपुर मंडी वाले सब्जी विक्रेता से एक बार फिर हमारे सहयोगी चैनल लल्लनटॉप ने बात की. लल्लनटॉप से बात करते हुए सब्जी विक्रेता ने अपनी जिंदगी के बारे में काफी कुछ बताय.
बता दें कि जिस सब्जी विक्रेता के वीडियो वायरल हुआ था उनका नाम रामेश्वर है. वह उत्तर प्रदेश के कासगंज के खतैली गांव के रहने वाले हैं और दिल्ली में रहकर सब्जी बेचने का काम करते हैं.
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सब्जी विक्रेता रामेश्वर ने लल्लनटॉप से बात करते हुए बताया कि, ‘आज भी ऐसे लोग हैं जो गरीब का दर्द पहचानते हैं. मेरी उम्र पूरे देश को लगे और सब लोग आजाद रहे.’ वहीं जब उनसे वायरल वीडियो के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मोबाइल पर अपना वीडियो देखा था. उनकी बेटी ने उनका वीडियो दिखाया था. उस वायरल वीडियो के घटना के बारे में बात करते हुए रामेश्वर ने बताया कि उस दिन सब्जी मंहगी होने के कारण कुछ मिला नहीं और भूख भी लगी थी. खाने को भी कुछ मिल नहीं रहा था. लेकिन तब भी मैं मुस्कुरा रहा था.
देश को दो वर्गों में बांटा जा रहा है!
एक तरफ सत्ता संरक्षित ताकतवर लोग हैं जिनके इशारों पर देश की नीतियां बन रही हैं।
और दूसरी तरफ है आम हिंदुस्तानी, जिसकी पहुंच से सब्ज़ी जैसी बुनियादी चीज़ भी दूर होती जा रही है।
हमें अमीर-गरीब के बीच बढ़ती इस खाई को भर, इन आंसुओं को पोंछना… pic.twitter.com/zvJb0lZyyi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 28, 2023
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रामेश्वर ने आगे बताया जिंदगी जीने के दो तरीके हैं एक दुख के दूसरा सुख का. मुस्कान तो उपर वाले की देन है और उपर वाले दुख और सुख बनाया है इसलिए आदमी को दुख में भी मुस्कुराना चाहिए.
बता दें कि 28 जुलाई को एक वीडियो सामनआया था, जिसमें एक सब्जी विक्रेता ऑन कैमरा भावुक हो गया क्योंकि महंगाई की वजह से वह कोई सब्जी नहीं खरीद पाया था. उन्होंने कहा कि हम टमाटर लेने आए थे, लेकिन दाम देखकर हिम्मत नहीं हो रही है. जब उनसे पूछा गया कि आपका ठेला ऐसे ही खाली जाएगा तो वह शांत हो गए. वह दाएं-बाएं देखने लगे और सिर झुकाकर आंखों में आए आंसू को पोछने लगे थे. फिर उन्होंने बताया था कि जहांगीरपुरी में किराए पर रहते हैं. में किराए पर रहते हैं, 4000 किराया है. रिपोर्टर पूछता है, कमाई कितनी होती है. रामेश्वर कहते हैं कि 100 रुपये का रोज का भी हिल्ला (कमाई) नहीं है.
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