UP में समय पर ही होंगे विधानसभा चुनाव? जानिए EC टीम के दौरे से क्या संकेत मिल रहे

संजय शर्मा

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उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग की बैठक के बाद इस बात के संकेत मिले हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव समय से ही होंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में एक टीम मंगलवार को लखनऊ पहुंची.

चुनाव आयोग की टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों सहित कुल 13 सदस्य हैं और यह तीन दिवसीय दौरे पर आई है.

चुनाव आयोग की टीम ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), कांग्रेस और अन्य दल के नेताओं के साथ बैठक करके उनके विचार सुने हैं.

बता दें कि आयोग ने पांचों चुनावी राज्यों के दौरे के समय ही यह तय कर दिया था कि जहां-जहां कोरोना टीकाकरण की रफ्तार पिछड़ रही है, वहां उसे तेज किया जाए और समय से टीकाकरण पूरा किया जाए.

उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के साथ बैठक के दौरान किसी भी दल ने कोविड ( खासकर ऑमिक्रोन वैरिएंट) के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर चुनाव टालने का मुद्दा नहीं उठाया. सभी राजनीतिक दलों ने आयोग से यही कहा कि चुनावी इंतजाम सख्त हों और चुनाव समय से होने चाहिए. सभी पार्टियों ने चुनाव को लेकर अपनी-अपनी आशंकाएं, मुश्किलें, परेशानी आदि आयोग के सामने रखीं.

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बैठक में बीजेपी ने प्रत्येक बूथ पर महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मांग की. वहीं कांग्रेस ने सभी दलों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने की मांग की. वहीं, बीएसपी ने प्रदेश में समय पर चुनाव कराने की मांग करते हुए कोविड के मद्देनजर इन दिनों राजनीतिक रैलियों में जुट रही भीड़ का जिक्र किया. राष्ट्रीय लोक दल के प्रतिनिधिमंडल ने वीवीपैट पर्ची की दोबारा गिनती कराने का अनुरोध किया.

बीजेपी के महासचिव जेपीएस राठौर ने बताया कि चुनाव आयोग के साथ बैठक में पार्टी ने तीन बातें रखीं- पहली यह कि प्रत्येक मतदान बूथ पर महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती हो ताकि महिलाओं को सुरक्षा मिले और अगर पहचान करनी हो तो कोई दिक्कत ना आए. दूसरी यह कि एक परिवार के सभी मतदाताओं के नाम एक ही बूथ पर रहें और तीसरी यह कि घनी आबादी वाले बूथ, जहां खड़े होने की पर्याप्त जगह नहीं है वहां कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए उन्हें संभव होने पर दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए.

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आयोग से मिलने पहुंचे एसपी के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, केके श्रीवास्तव और डॉ. हरिश्चन्द्र यादव शामिल थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने की मांग की.

एसपी ने ज्ञापन देकर अनुरोध किया कि 80 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों और दिव्यांग मतदाताओं की सूची विधान सभावार, मतदेय स्थलवार उपलब्ध कराई जाए.

राज्य में ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 40 लाख है और 2022 विधानसभा चुनाव में ऐसे मतदाताओं को पहली बार घर से मतदान का विकल्प दिया जा रहा है.

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ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया जाए. एसपी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता पंजीकृत हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है.

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में ओंकार नाथ सिंह, वीरेंद्र मदान और मोहम्मद अनस रहमान शामिल थे. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए आयोग से चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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