अस्पताल में नवजात को जानवर ने कुतरा, ये आरोप गलत, बदनाम करने की साजिश – पाठक

भाषा

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उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक सरकारी अस्पताल में जन्मे नवजात शिशु को किसी जानवर द्वारा निवाला बनाए जाने के मामले से इनकार करते हुए राज्‍य सरकार ने इसे सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास बताया है. जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच समिति ने भी इस मामले को गलत करार दिया है. फिलहाल प्रसूता के भाई की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ अभियोग दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.

उप-मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार देर रात ट्वीट किया, “गोंडा के सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) मुजेहना में नवजात की संदिग्ध मौत से जुड़े मामले में मेरे निर्देश पर सीएमओ (मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी) गोंडा द्वारा की गई जांच में सभी आरोप झूठे एवं बेबुनियाद पाए गए हैं. यह मामला निश्चित तौर पर विभाग व सरकार की छवि को धूमिल करने की मंशा से प्रेरित प्रयास प्रतीत होता है, जिसकी मैं भर्त्सना करता हूं.”

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सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उप-मुख्‍यमंत्री पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “सपा को कोसने से फुर्सत मिल गई हो तो यह बताओ कि गोंडा में जो दर्दनाक घटना हुई है, उसके पीड़ितों को न्याय और सहायता कब मिलेगी? लखनऊ में बैठकर बोल वचन भाषणबाजी और मौखिक दिशा-निर्देश जारी करने से कुछ नहीं होता. सपा ने मदद की, सरकार कब करेगी?”

सपा ने एक अन्य ट्वीट में सरकार से पीड़ित परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग करते हुए दावा किया है कि अखिलेश यादव (सपा प्रमुख) ने पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की है.

उल्‍लेखनीय है कि गोंडा के धानेपुर थाना क्षेत्र के बछईपुर गांव निवासी सिराज अहमद की पत्नी सायरा बानो को प्रसव पीड़ा के कारण शनिवार देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुजेहना में भर्ती कराया गया था. महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसकी सांसें न के बराबर चल रही थीं. इस बीच, ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने नवजात को ऑक्सीजन पर रखने की बात कहते हुए दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया और परिजनों को वहां से बाहर निकाल दिया.

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परिजनों के मुताबिक, रविवार सुबह स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें बताया कि नवजात की मौत हो गई है. परिजनों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने शिशु को देखा, तब पता चला कि उसे किसी जानवर ने अपना निवाला बना लिया था.

उन्होंने तत्काल घटना के बारे में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी और स्थानीय पुलिस को सूचित किया. प्रभारी निरीक्षक संजय गुप्ता ने रविवार को बताया कि महिला के भाई हारून ने रात्रि ड्यूटी पर तैनात अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

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बाद में गुप्‍ता ने कहा कि स्थानीय थाने में प्रसूता के भाई की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-304ए (लापरवाही पूर्वक कार्य करके किसी की मौत का कारण बनना) के तहत अभियोग दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि तहरीर पर अभियोग दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा.

इस बीच, जिलाधिकारी और मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी ने मामले की जांच के लिए दो अलग-अलग समितियों का गठन कर दिया. नवजात शिशु को किसी जानवर द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने के आरोपों को मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने रविवार देर रात गलत करार दिया.

जांच समिति की रिपोर्ट के मिलने के बाद जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने रविवार देर रात प्रेस के लिए जारी एक बयान में कहा कि रुद्रगढ़ नौसी निवासी सायरा बानो को 27 अगस्त को प्रसव पीड़ा के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुजेहना में भर्ती कराया गया था और उसने 28 अगस्त को देर रात करीब डेढ़ बजे एक मृत शिशु को जन्म दिया.

जिलाधिकारी के मुताबिक, अस्पताल में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने समस्त अभिलेखीय कार्यवाही पूरी करने के बाद रात 2.20 बजे मृत शिशु को उसके माता-पिता व अन्य परिजनों को सौंप दिया. उन्होंने कहा कि परिजन रात में ही मृत शिशु को लेकर घर चले गए और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद स्टाफ अन्य चिकित्सीय कार्यों में व्यस्त हो गया.

जिलाधिकारी के अनुसार, इस बीच दो अन्य महिलाओं को प्रसव के लिए देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया और 28 अगस्त की सुबह करीब सात बजे मृत शिशु के परिजन कुछ अन्य लोगों के साथ दोबारा वहां पहुंच गए तथा सही ढंग से देखभाल न किए जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया.

जिलाधिकारी के मुताबिक, परिजनों का आरोप था कि शिशु के होंठ को किसी जानवर ने कुतर दिया है. उन्होंने बताया कि अभिभावक खुद चिकित्सक और पुलिस बल की उपस्थिति में शिशु के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय ले गए. जिलाधिकारी ने बताया कि घटना की खबर मिलते ही प्रशासन ने फौरन मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुजेहना भेज दिया.

उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि बच्चे को किसी जानवर ने काटा (कुतरा) है या नहीं. जिलाधिकारी के अनुसार, परिजनों द्वारा मृत शिशु को अस्पताल से घर ले जाते समय किसी तरह की अनियमितता या शव के साथ किसी प्रकार की छेडछाड़ की कोई शिकायत नहीं की गई थी.

उन्होंने बताया कि परिजनों ने अगली सुबह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर घटना के बारे में बताया और हंगामा किया. इससे पहले, जिलाधिकारी ने कहा था कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि बच्चे को किसी चूहे ने कुतर दिया है.

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