यूपी में अब मदरसों के छात्रों को डिजिटल एजुकेशन की सौगात, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-कोडिंग की होगी पढ़ाई
यूपी में मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अब डिजिटल एजुकेशन की सौगात मिलेगी. छात्रों को अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और कोडिंग (Coding) पढ़ाई…
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यूपी में मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अब डिजिटल एजुकेशन की सौगात मिलेगी. छात्रों को अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और कोडिंग (Coding) पढ़ाई जाएगी. इसके लिए मदरसा शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम मे इसको शामिल किया जाएगा. दूसरे शिक्षा बोर्ड के छात्रों के बराबर मदरसे के छात्रों को लाने के लिए योगी सरकार ने ये पहल की है.
उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा के पाठ्यक्रम में एआई (Artificial Intelligence) को यूपी सरकार शामिल करेगी. मदरसा शिक्षा में डिजिटल लिटरेसी, कोडिंग और आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स को शामिल करने के लिए न सिर्फ जरूरी संसाधन मुहैया कराया जाएगा बल्कि मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी.
दरअसल, मदरसा शिक्षा बोर्ड ने नेशनल एजूकेशन पॉलिसी (NEP) को मदरसों में लागू करने के लिए अहम बदलाव की योजना तैयार की है. इस पहल के बाद मदरसे के छात्र भी अन्य शिक्षा बोर्ड के छात्रों के मुकाबले खड़े हो पाएंगे. बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर मदरसा शिक्षा परिषद इसके लिए काम करेगा.
मदरसों के शिक्षकों की होगी ट्रेनिंग
लखनऊ में बुधवार को ऑरीएंटेशन मॉड्युल ऑन एआई (orientation module on AI) का शुभारम्भ किया जाएगा. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्कूलों के शिक्षकों के साथ मदरसों के शिक्षकों को भी शामिल किया गया है. स्कूलों के साथ मदरसों के छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम में भी डिजिटल लिट्रेसी, कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल करने की योजना है, जिससे उनमें इस सोच को बढ़ावा दिया जा सके.
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एआई की जानकारी देने के लिए कई ऑडीओ विज़ूअल विषय विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है. इसको तैयार करने की ज़िम्मेदारी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग को दी गई थी. शिक्षकों की ट्रेनिंग से मदरसों के छात्रों को इस नई तकनीक की जानकारी दी जा सकेगी. मदरसे के छात्रों को टेक्नोलॉजी की जानकारी मिलने से आगे उच्च शिक्षा में वो भी अन्य छात्रों के समकक्ष आ पाएंगे.
डिजिटल लिटरेसी के लिए मदरसों में संसाधन भी मुहैया करा रहा विभाग
डिजिटल लिटरेसी के लिए मदरसों में प्रशिक्षित शिक्षकों के साथ संसाधनों की भी जरूरत है. अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि ‘मदरसे के छात्रों का आधार वेरिफिकेशन कराया गया है. वर्तमान में प्रदेश के मदरसों में 13,92,325 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. मदरसों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं. अभी तक कुल 1275 मदरसों में कम्प्यूटर दिये जा चुके हैं जबकि 7442 मदरसों में बुक बैंक, विज्ञान किट व गणित किट दिये जा चुके हैं.’
यूपी में मदरसों की संख्या 16,153 है इसमें 560 मदरसे राज्य सरकार से अनुदानित हैं. प्रदेश सरकार ने मदरसों में अन्य स्कूलों के समान शिक्षा देने के लिए भी कई कदम उठाए हैं.
मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ‘उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन और सेवा विनियमावली 2016’ में संशोधन किया गया है. मदरसों में शिक्षा का माध्यम उर्दू के साथ-साथ हिन्दी और अंग्रेजी भी किया गया है.
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