बाराबंकी: ट्रायल शुरू होते ही खौफ में दिखा मुख्तार अंसारी, मुख्य गवाह कोर्ट में रहा गैर हाजिर
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की बाराबंकी कोर्ट में वर्चुअल पेशी हुई. विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव…
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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की बाराबंकी कोर्ट में वर्चुअल पेशी हुई. विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की कोर्ट में गैंगेटर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें में शुक्रवार से ट्रायल शुरू होना था. लेकिन ट्रायल शुरू होने से पहले बाहुबली पसीने-पसीने था, खौफ में कुछ बोल नहीं पा रहा था. लेकिन मुकदमे के मुख्य गवाह के गैर हाजिर होने की वजह से केस की गवाही आज टल गयी. कोर्ट ने वादी मुकदमा व मुख्य गवाह इंस्पेक्टर सुरेश पांडेय को सम्मन भेज कर तलब किया है. मुकदमे की अगली तारीख 6 जुलाई को दी गई है. वहीं मुख्तार ने कोर्ट में अपनी बेगुनाही की बात जज के सामने दोहराई है.
शुरू हुआ गैंगेस्टर के मुकदमे में ट्रायल
बता दें कि एंबुलेंस और गैंगस्टर मामले में आरोपों तय होने के बाद मुख्तार अंसारी सहित आठ आरोपियों ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था, आज गैंगस्टर मामले में ट्रायल की सुनवाई शुरू हुई है. लेकिन मुख्य गवाह के गैर हाजिर होने की वजह से कोर्ट ने सम्मन भेज कर अगली तारीख पर तलब किया है.
क्या बोले मुख्तार के वकील
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि आज सरकार बनाम मुख्तार अंसारी गैंगेस्टर एक्ट के मुकदमा गवाही के लिए नियत था, लेकिन गवाह नहीं आया. इसलिए अगली तारीख हुई है. वादी मुकदमा व एफआईआर दर्ज करने वाले की पहले गवाही होती है. ये नगर कोतवली के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुरेश पांडेय है. जिनको गवाही पर आना था, गवाह के कोर्ट में आने के बाद उनकी मुख्य परीक्षा फिर पृष्ठ परीक्षा भी होगी. मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में ये भी कहा कि, ‘राजनैतिक कारणों की वजह से ये सब फर्जी मुकदमे दर्ज हुए है. हम तो 18 साल से जेल में हैं.’
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क्या था मामला
आपको बता दे कि दें कि पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी जेल से कोर्ट पर पेशी पर जाने के लिए एंबुलेंस का प्रयोग करता था. वह बाराबंकी के एआरटीओ कार्यालय में फर्जी कागजों पर मऊ की डॉ. अलका राय के नाम से पंजीकृत कराई गई थी. प्रकरण संज्ञान में आने पर एआरटीओ पंकज सिंह ने डॉ. अलका राय के खिलाफ केस दर्ज कराया था. विवेचना के दौरान पुलिस ने मुख्तार अंसारी समेत दर्जन भर आरोपियों को अभियुक्त बनाया था.
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