यूपी: पेट्रोल पंपों पर प्रति लीटर 100-200 gm कम तेल देने का खेल! यूं लग रहा था आपको चूना
यूपी एसटीएफ ने दो दिन पहले मेरठ, बागपत और हापुड़ से पेट्रोल पंपों में चिप लगाकर वाहन मालिकों के साथ गड़बड़ी का मामले का भांडाफोड़…
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यूपी एसटीएफ ने दो दिन पहले मेरठ, बागपत और हापुड़ से पेट्रोल पंपों में चिप लगाकर वाहन मालिकों के साथ गड़बड़ी का मामले का भांडाफोड़ किया था. एसटीएफ ने गुरुवार को नायरा कंपनी के 11 पेट्रोल पंप पर छापा मारा था. इसको लेकर उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मास्टरमाइंड समेत 9 लोगों को मेरठ व बागपत से गिरफ्तार किया था. यूपी एसटीएफ की कार्रवाई में एक ऐसा खेल सामने आया है जो 2017 में पकड़ा गया था.
एक बार फिर ज्यादा कमाई के चक्कर में पेट्रोल पंप मालिको ने घटतौली और मिलावटी तेल बेचने का खेल शुरू किया है. साल 2017 में यूपी एसटीएफ ने राजधानी लखनऊ से लेकर नोएडा, गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक पेट्रोल पंपों पर घटतौली का एक ऐसा खेल उजागर किया था.
यूपी एसटीएफ के 2017 में किए गए इस खुलासे ने देश में हड़कंप मचा दिया. यूपी के साथ-साथ देश भर के तमाम राज्यों में पेट्रोल पंपों पर जांच की गई तो पता चला पेट्रोल पंप पर पेट्रोल/ डीजल डिस्पेंसिंग मशीन में चिप लगाकर घटतौली की जा रही थी. यानी ग्राहक को मशीन के मीटर पर 1 लीटर तेल जरूर दिखाई पड़ता था लेकिन असल में उसको 100 से 200 ग्राम कम तेल मिलता था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ऐसी सभी मशीनों को हटा दिया गया और जिन मशीनों में मदर बोर्ड अंदर लगा हो उन मशीनों को लगाने का आदेश दिया गया.
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मेरठ से पकड़े गए सतेंद्र उर्फ देवेंद्र ने पुरानी मशीनों की चिप निकालकर दोबारा घटतौली का खेल शुरू किया. स्क्रैप में रखें पुरानी मशीनों के मदरबोर्ड को निकालकर पेट्रोल पंप मालिक और तेल कंपनी के सेल्स ऑफिसर की मदद से पेट्रोल डीजल डिस्पेंसिंग मशीन में कंपनी से लगे मदरबोर्ड को बाईपास कर बाहर से मदर बोर्ड को लगाकर घटतौली का खेल शुरू किया गया.
इतना ही नहीं तेल कंपनी से आने वाले टैंकर में भी तेल चोरी का काम किया जा रहा था. दरअसल तेल सप्लाई करने वाली कंपनी अपने टैंकर में एक उपकरण एटीजी की मदद से नजर रखती है कि टैंकर में कितना तेल बाकी है, कहां कितनी सप्लाई हुई.टैंक में लगे एटीजी के मॉनिटरिंग तेल कंपनी के मुख्यालय पर की जाती है. टैंकर में लगे Automatic Tank Gauging System यानी ATG को डमी टैंकर में लगाकर मनमाने ढंग से रीडिंग मुख्यालय भेजी जाती और टैंकर से तेल चोरी की जा रही थी. घटतौली से स्टॉक में एक्स्ट्रा मिले पेट्रोल डीजल को यह लोग सॉल्वेंट में मिलाकर बेच रहे थे. यानी एक तरफ डिस्पेंसिंग मशीन में चिप लगाकर घट तौली की जा रही थी तो वहीं दूसरी तरफ तेल में सॉल्वेंट मिलाकर खराब पेट्रोल और डीजल भी सप्लाई की जा रही थी.
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