कैसे और कहां से लीक हुआ UPTET का पेपर? अब तक क्या-क्या पता चला

संतोष शर्मा

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UPTET पेपर लीक मामले में STF ने मेरठ से लेकर लखनऊ तक अब तक 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में गिरफ्तारियों का सिलसिला अभी भी जारी है, लेकिन TET का पेपर कैसे लीक हुआ? कहां से चूक हुई? किसने दोनों पाली के पेपर लीक कर लाखों नौजवानों की मेहनत पर पानी फेरा? यूपी पुलिस अब तक इन सवालों के जवाब नहीं तलाश पाई है. सॉल्वर गैंग के पास पेपर जिले की ट्रेजरी से पहुंचा या फिर पेपर छपवाने वाली एजेंसी से लीक हुआ, फिलहाल यही सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है.

सॉल्वर गैंग को पेपर कब मिला?

बता दें कि इस मामले में 20 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन इस पूरी कवायद के बाद भी साफ नहीं हो पाया कि आखिर परीक्षा का पेपर कैसे लीक हो गया. मिली जानकारी के अनुसार, सॉल्वर गैंग को पेपर रविवार रात 12:05 मिनट पर मिल चुका था. हर जिले की ट्रेजरी में पेपर शनिवार शाम में ही जमा हो गए थे. परीक्षा वाले दिन यानी रविवार सुबह करीब 7:00 बजे से हर जिले के परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाने के लिए ट्रेजरी खोली गई, यानी ट्रेजरी खुलने से पहले ही सॉल्वर गैंग के पास पेपर पहुंच चुका था.

ऐसे में सवाल उठता है कि पेपर ट्रेजरी से लीक हुआ या फिर उस प्राइवेट एजेंसी से जिसको पेपर छपवाने की जिम्मेदारी दी गई थी. TET पेपर लीक मामले से जुड़े एक अफसर की मानें तो ट्रेजरी से पेपर लीक होने की आशंका न के बराबर है, क्योंकि हर जिले की ट्रेजरी में पेपर जमा होने और निकलने के वक्त खुद डीएम और एसपी मौजूद रहते हैं और ट्रेजरी में डबल लॉकर में प्रश्न पत्र रखा जाता है.

सॉल्वर गैंग के ‘सरगना’ तक कैसे पहुंचा पेपर?

कौशांबी से पकड़े गए सॉल्वर गैंग के ‘सरगना’ रोशन पटेल को पहली पाली का पेपर लखनऊ में रात 12:00 बजे मोबाइल पर मिला था. खबर है कि रोशन को लखनऊ में यह पेपर 5 लाख रुपये में प्रभात नामक शख्स के जरिए संतोष नामक व्यक्ति ने दिया था.

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पेपर लीक मामले में जो दूसरी अहम गिरफ्तारी की गई वह मेरठ यूनिट की ओर से की गई. पकड़े गए आरोपी रविवार सुबह परीक्षार्थियों को 50-50 हजार रुपये में पेपर बांट रहे थे. इस मामले में प्रयागराज से सॉल्वर गैंग के सरगना, सॉल्वर सप्लायर समेत कई गिरफ्तारियां हुई हैं. इन सभी से पूछताछ के बाद भी अब तक यूपी एसटीएफ उस सिरे को नहीं पकड़ पाई है जहां से यह पहला पेपर लीक हुआ है.

क्या प्राइवेट एजेंसी से लीक हुआ पेपर?

पेपर लीक मामले में अब सवाल मुंबई की उस प्राइवेट एजेंसी पर खड़े होने लगे हैं जिसको पेपर छपवाने और जिले के कोषागार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. मिली जानकारी के अनुसार, इस प्राइवेट एजेंसी ने दिल्ली की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपवाए थे. कहा तो यहां तक जा रहा है कि प्रिंटिंग प्रेस से यह पेपर सड़क के रास्ते प्राइवेट गाड़ियों से जिलों में पहुंचाए गए थे. ऐसे में सॉल्वर गैंग की परीक्षा कराने वाली एजेंसी और प्रिंटिंग प्रेस से मिलीभगत की आशंका बढ़ जाती है.

अब तक की जांच के आधार पर एसटीएफ के अधिकारियों की मानें तो सॉल्वर और सॉल्वर गैंग के ‘सरगना’ को तलाशते हुए उस सिरे तक पहुंचा जा रहा है, जिसने यह पेपर लीक किया. इसमें एक-दो दिन का वक्त लग सकता है, पर इतना जरूर है कि पेपर परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने से पहले ही लीक हुआ था.

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