ज्ञानवापी विवाद: मुस्लिम पक्ष को झटका, नियमित पूजा की मांग वाली याचिका पर होगी सुनवाई
वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े श्रंगार गौरी मामले में बड़ी खबर सामने आई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को बड़ा…
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वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े श्रंगार गौरी मामले में बड़ी खबर सामने आई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को बड़ा झटका मिला है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया है.
हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष की नियमित पूजा की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई की अनुमति दे दी है. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद नियमित पूजा की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. हाई कोर्ट के जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. बहस पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अब जिला कोर्ट वाराणसी श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी. इस मामले में अब वाराणसी सिविल कोर्ट में 7 जुलाई को सुनवाई होगी. बता दें कि अभी महिलाओं को चैत्र और वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन श्रृंगार गौरी की पूजा की इजाजत मिली हुई है.
श्रृंगार गौरी केस में राखी सिंह और 9 अन्य द्वारा वाराणसी की अदालत में सिविल वाद दाखिल किया गया था. इस मुकदमे में अपनी आपत्ति खारिज होने के खिलाफ मस्जिद की इंतजामियां कमेटी ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. अर्जी में वाराणसी के जिला जज की अदालत से 12 सितंबर को आए फैसले को चुनौती दी गई थी.
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अदालत में वाद दाखिल करने वाली 5 महिलाओं समेत 10 लोगों को पक्षकार बनाया गया था. वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल की गई आपत्ति को पहले ही खारिज कर दिया था.
मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट और 1995 के सेंट्रल वक्फ एक्ट तहत सिविल वाद पोषणीय नहीं है. जिला जज के इसी फैसले को मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
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