ग्राउंड रिपोर्ट: UP के अलग-अलग जिलों में खेतों में जलाई जा रही पराली, किसानों पर जुर्माना

कुमार अभिषेक

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आदेश जारी किया है कि किसी भी सूरत में खेतों में धान की पराली न जलाया जाए. लेकिन उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सरकार की मनाही के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं.

पराली जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों पर कार्रवाई किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं. हरदोई में पराली जलाने के आरोप में 21 किसानों पर आर्थिक जुर्माना लगाया गया है. वहीं, महाराजगंज में एक किसान पर एफआईआर भी कराई गई है. आइए जानते हैं कि पराली जलाने को लेकर किस जिले में क्या-क्या कार्रवाई हुई है.

हरदोई में 21 किसानों को मिले नोटिस

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

खेतों में पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पराली ना जलाने के आदेश के बाद भी उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पराली जलाने की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. इस पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कृषि विभाग, एसडीएम और लेखपालों की टीम को मौके पर पहुंचकर पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मौके पर कई किसानों के खेतों में पहुंची. उसके बाद 21 किसानों पर पराली जलाने के आरोप में उन्हें नोटिस जारी किया. इन सभी किसानों पर पराली जलाने की आरोप सिद्ध होने पर जुर्माना वसूला जाएगा. वहीं प्रशासनिक अधिकारी प्रदूषण का वास्ता देकर किसानों को जागरूक कर उन्हें सुविधा देने के साथ पराली ना जलाने की हिदायत दे रहे हैं.

ADVERTISEMENT

हरदोई के कृषि उपनिदेशक नंदकिशोर ने बताया, “किसान भाइयों को पराली और फसल अवशेष के लिए नि:शुल्क वेस्ट कंपोजर दिया जा रहा है कि इसको सड़ा गला करके खाद बनाएं. पराली और फसल अवशेष नजदीकी गौशाला में पहुंचाए और दो ट्राली के बदले में एक ट्राली गोबर की खाद प्राप्त करें.”

हरदोई के कृषि उपनिदेशक नंदकिशोर ने आगे बताया,

ADVERTISEMENT

पराली जलाने की स्थिति न पैदा हो, उसके लिए कंबाइन हार्वेस्टर मशीन लगाने की बात की गई है. इसके अलावा दूसरे कई तरह के यंत्र किसान भाइयों को पचास परसेंट से अस्सी परसेंट अनुदान पर दिए जा रहे हैं. उनका प्रयोग करेंगे तो पराली जलाने वाली स्थिति पैदा नहीं होगी. इसके बावजूद भी किसान भाई जो पराली में आग लगा दिए हैं और उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं कि इतनी पराली प्रबंधन की व्यवस्था होने के बावजूद भी आपने आग क्यों लगाई. इसके लिए क्यों ना आपके पर जुर्माना लगाया जाए. इस तरह के 21 नोटिस जारी किए गए हैं.

नंदकिशोर, कृषि उपनिदेशक, हरदोई

महराजगंज में किसान पर दर्ज हुई एफआईआर

महराजगंज जिले में राजस्व विभाग की टीम ने पराली जलाने के आरोप में लखिमा थरुआ निवासी रम्भू गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कराया है. एडीएम पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में पराली जलाना दंडनीय अपराध है.

उन्होंने कहा कि जनपद में जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न बैठकों में इस बात को स्पष्ट कर दिया गया था कि कोई भी किसान पराली न जलाएं. जनपद में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए राजस्व विभाग की विभिन्न निगरानी टीमों को लगाया गया है.

इसी क्रम में कानूनगो सौफीक अहमद की टीम ने निरीक्षण के दौरान पराली जलाते हुए मिलने पर रम्भू गुप्ता के खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया है. एडीएम पंकज कुमार वर्मा ने किसानों से अपील की है कि किसान पराली कतई न जलाएं, बल्कि इसका निस्तारण अन्य विधियों द्वारा करें, जिससे पर्यावरण और मिट्टी को नुकसान से बचाया जा सके. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

फतेहपुर में 20 किसानों पर लगा जुर्माना

यूपी के फतेहपुर जिले में भी सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. और पराली जलाने का सिलसिला निरंतर जारी है. कृषि विभाग को जिले से कुल 50 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसमें 20 किसानों पर कृषि विभाग ने कार्रवाई करते हुए जुर्माने की नोटिस जारी की है.

पराली जलाने पर रोकथाम के लिए जिले के 132 न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी के अगुवाई में टीमें गठित की गई हैं. जो प्रत्येक न्याय पंचायतों में निगरानी कर रही हैं और शिकायत मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचकर सत्यापन कर इसकी जानकारी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को दे रही हैं.

जिले के तीन तहसीलों में से कृषि विभाग को पराली जलाने के मामले में अब तक 50 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिसमें सबसे ज्यादा सदर तहसील की 33 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें पराली जलाने की 10 शिकायतें सही पाई गईं.

खागा तहसील की बात करें तो विभाग को कुल 8 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें 3 शिकायतें सही पाई गईं. वहीं बिंदकी तहसील में कुल 9 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें 7 शिकायतें सही पाई गई. इस तरह विभाग ने कुल 20 किसानों को नोटिस जारी कर जुर्माना लगाया है.

वहीं कृषि विभाग के उप निदेशक राम मिलन परिहार ने बताया कि किसानों को पराली न जलाने के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फतेहपुर जिले में पराली जलाने के कुल 50 मामले सामने आए थे, जिसमें 20 लोगों के खिलाफ मामले सही पाए गए और उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की गई है.

झांसी में तीन किसानों का राशन कार्ड निरस्त

झांसी में जिला प्रशासन की टीम गांव-गांव में मुनादी और जागरूकता अभियान के जरिए किसानों को पराली जलाने से मना कर रही है. किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणाम से भी अवगत कराया जा रहा है. इसके बावजूद अगर पराली या फसल के अवशेष जलाने की घटना सामने आती है तो पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा.

जिले में पराली जलाने की घटना में अब तक जिले में तीन किसानों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है. अब तक जिले में फसलों के अवशेष जलाने की 21 घटनाएं सैटेलाइट के माध्यम से पकड़ी गई हैं. जिन लोकेशन पर यह फसल अवशेष जलाने की घटनाएं हुईं. उन सब दोषियों के खिलाफ जांच प्रारंभ कर दी गई है.

बुलंदशहर में दो किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई

बुलंदशहर में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए पराली जलाने पर अंकुश लगाया जा रहा है. लेकिन पराली जलाने के मामले लगातार आ रहे हैं. जिला प्रशासन ने सर्विलांस टीम लगाकर पराली के मामलों में कार्रवाई के लिए तैनात कर रखा है.

अभी तक बुलंदशहर जनपद के शिकारपुर तहसील के सहार और खखुदा गांव में पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. तहसील प्रशासन ने लेखपाल के माध्यम से पराली जलाने के तथ्य और सबूत इकट्ठे किए और जुर्माने के लिए नोटिस भिजवाया है.

जिला कृषि अधिकारी राहुल तेवतिया ने बताया कि अभी तक 2 मामले सामने आए हैं. दोनों किसानों को तहसील के माध्यम से ढाई-ढाई हजार रुपये के जुर्माने का नोटिस दिया गया है. कृषि विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है कि किसान पराली ना जलाएं.

श्रावस्ती में रोक के बावजूद भी किसान जला रहे पराली

श्रावस्ती जिले में धान की कटाई के बाद बचे हुए धान के अवशेष पराली को अब किसान बेधड़क होकर खेतों में जला रहे हैं. जिसके चलते पराली से उठने वाले धुंए से प्रदूषण बढ़ रहा है. पर्यावरण सुरक्षा को लेकर शासन और प्रशासन की ओर से धान की फसल के बचे हुए अवशेष पराली को जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

साथ ही लोगों से अपील भी की गई है कि वह अपने खेतों में बचे हुए धान के अवशेष पराली को ना जलाएं. बावजूद इसके जिले के तहसील जमुनहा क्षेत्र में सरेआम प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. किसान धान की मड़ाई के बाद अवशेष पराली को शाम ढलते ही खेतों में जला रहे हैं.

कृषि निदेशक कमल कटियार ने कहा, “हमने विभिन्न प्रचार माध्यमों से होर्डिंग लगवा कर और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से यह जागरूकता लाने का प्रयास किया है कि किसान पराली ना जलाएं. क्योंकि इससे मृदा स्वास्थ्य प्रभावित होने के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा किसान गुणवत्तापूर्ण खाद से भी वंचित रह जाते हैं. इसके लिए हमने जनपद में 11 हजार 300 वेस्ट डी कंपोजर की बॉटल मंगवाई है. जिनको हमने पूरे जनपद में किसानों को वितरित किया है.”

(हरदोई से प्रशांत पाठक, महाराजगंज से अमितेश,फतेहपुर से नितेश श्रीवास्तव,झांसी से अमित, श्रावस्ती से पंकज और बुलंदशहर से मुकुल के इनपुट्स के साथ)

यूपी सरकार ने पराली जलाने को लेकर किसानों पर दर्ज 868 केस वापस लेने का दिया आदेश

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT