यूपी: फतेहगढ़ जेल की महिला और पुरुष कैदियों ने बनाए रामनामी पटके, गमछे और दुपट्टे

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

योगी सरकार जेलों में बंद कैदियों को न सिर्फ रोजगार से जोड़ रही है बल्कि उन आस्था के प्रति सम्मान का भाव लाने का भी प्रयास किया जा रहा है. जो कैदी अपने अतीत को भुलाकर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनना चाहते हैं, सरकार उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करा रही है.

इस क्रम में फतेहगढ़ कारागार के महिला और पुरुष कैदी ओडीओपी योजना के तहत ब्लॉक प्रिंटिंग कला का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. वह प्रशिक्षण के जरिए रामनामी, राधे-राधे, ओम नम: शिवाय नाम के प्रिंटिंग पटका, दुपट्टे और गमछे तैयार कर रहे हैं, जिसे अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और चित्रकूट समेत प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए सप्लाई किया जाएगा.

जेल प्रशासन कैदियों को पटका, दुपट्टा और गमछा बनाने का निर्धारित पारिश्रमिक देने के साथ इससे होने वाली आय को 10 प्रतिशत सरकारी खाते में जमा करने के बाद कैदियों में बांट देगा. इतना ही नहीं इन कैदियों को रोजगार मेले के जरिए रोजगार भी दिलाया जाएगा.

प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए सप्लाई किए जाएंगे रामनामी पटके, गमछे और दुपट्टे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर वर्ग को रोजगार, स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं. उनका यह संकल्प साकार भी हाे रहा है. सीएम योगी के प्रयास का असर ही है कि प्रदेश में बेरोजगार दर वर्ष 2016 में 18 प्रतिशत थी, जो घटकर अप्रैल 2022 में 2.7 प्रतिशत ही रह गई है. सीएम योगी प्रदेश के हर वर्ग को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं को भी संचालित कर रहे हैं. उनकी इन्हीं योजनाओं का लाभ उठाकर फतेहगढ़ जेल के महिला और पुरुष कैदी आत्मनिर्भर बनने का गुर सीख रहे हैं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि ओडीओपी योजना के तहत फतेहगढ़ जेल के महिला और पुरुष कैदियों को ब्लॉक प्रिंटिंग का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, जिसमें वह रामनामी, राधे-राधे, ओम नम: शिवाय की छाप के छपे पटके, दुपट्टे और गमछे तैयार कर रहे हैं, जिसे अयोध्या, मथुरा, वाराणसी और चित्रकूट समेत प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए भेजा जाएगा. इसके साथ ही फर्रूखाबाद में गंगा के तट पर लगने वाले रामनगरिया मेले में भी इनकी बिक्री की जाएगी.

वहीं इस कार्य के लिए कैदियों को 40 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक देने के साथ बाजार में इनकी बिक्री से होने वाली आय के लाभ के 10 प्रतिशत हिस्से को सरकारी खाते में जमा करने के बाद शेष लाभ को आपस में बांट दिया जाएगा.

कैदियों को दिया जाएगा प्रमाण पत्र, उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार

डीजी जेल ने बताया कि फतेहगढ़ की 12 महिला कैदियों को आईटीआई की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि गौतम बुद्ध डवलपमेंट सोसायटी संस्थान की ओर से 35 पुरुष कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

ADVERTISEMENT

उन्होंने बताया कि वर्तमान में फतेहगढ़ में 39 महिला कैदी हैं, जिसमें से 12 ही महिला कैदी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लायक हैं. शेष महिला कैदी काफी बुजुर्ग होने की वजह से वह प्रशिक्षण लेने में सक्षम नहीं हैं. इसी तरह 1050 पुरुष कैदी हैं, जिनमें से पहले चरण में 35 कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पहले चरण के कैदियों का प्रशिक्षण पूरा होते ही चरणबद्ध तरीके से अन्य कैदियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. कैदियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

वहीं, आईटीआई की ओर से रोजगार मेले के जरिये कैदियों को रोजगार भी दिलाया जाएगा. इतना ही नहीं स्वरोजगार के लिए कैदियों को प्रमाण पत्र के आधार पर बैंक से रोजगार दिलाने के साथ सरकार की योजना का लाभ दिलाया जाएगा.

लखीमपुर खीरी: UP Tak की खबर का असर! हाथों से ही उखड़ी थी सड़क, योगी सरकार ने लिया ये एक्शन

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT