3 साल की सजा सुनते ही आजम खान की प्रतिक्रिया सामने आई, कहा- मैं इंसाफ का कायल हो गया

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लगातार मुकदमों को झेल रहे समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party news) के दिग्गज नेता आजम खान की मुसीबतें गुरुवार को और बढ़ गईं. रामपुरी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सपा विधायक आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई है. हालांकि यह मामला जमानत योग्य होने की वजह से आजम खान को निजी मुचलके पर तुरंत जमानत भी मिल गई और फैसले के खिलाफ अपील का भी वक्त दिया गया है. सजा का फैसला सुनाए जाने के बाद आजम खान की पहली प्रतिक्रिया भी देखने को मिली है.

आजम खान ने कोर्ट के बाहर आकर मौजूद पत्रकारों से कहा कि उन्हें अधिकतम सजा दी गई है. जमानत की अनिवार्य शर्त होने की वजह से उन्हें जमानत मिल गई है. आजम खान ने आगे तंज कसते हुए कहा कि, ‘मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं.’

आजम खान की सजा का फैसला सामने आने के बाद तमाम सियासी प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं. बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘भारत में दो ऑपरेशन समानांतर चल रहे हैं – ‘विपक्ष मुक्त भारत’ और ‘मुस्लिम मुक्त विधायिका’. आज़म ख़ान को 3 साल की जेल न्याय का मखौल है. जबकि सभी नफ़रत फ़ैलाने वाले खुले घूम रहे हैं, ‘आजम’ को दोषी ठहराया जाएगा और विधायिका से बाहर कर दिया जाएगा.’

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वहीं बीजेपी की तरफ से इस फैसले का स्वागत किया गया है. बीजेपी नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, ‘मोहम्मद आज़म खान मामले में माननीय न्यायालय के आदेश का स्वागत है,लोकतंत्र में राजनीतिक विचार अलग अलग है तब भी सार्वजनिक जीवन के व्यक्ति को भाषा की मर्यादा बनाए रखना चाहिए!’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘सपा नेता मोहम्मद आज़म खान का राजनीतिक जीवन भाजपा और समाज के विरोध में ज़हरीले भाषण एवं बयानबाज़ी के लिए जाना जाता है!’

किस मामले में हुई आजम खान को सजा यहां जानिए

आपको बता दें कि आजम खान पर 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. आजम खान खाकानगरिया गांव में जनसभा संबोधित कर रहे थे. इस जनसभा के बाद उनके खिलाफ पीएम मोदी, सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ भी बेजा टिप्पणी और भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगे थे. इस मामले को यहां क्लिक कर विस्तार से पढ़ा जा सकता है.

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आजम खान को 3 साल की सजा मिलने के बाद उनके सियासी भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हाई कोर्ट द्वारा जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दिन से समाप्त हो जाएगी. इस बारे में विस्तार से यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है कि ऐसा क्या तकनीकी पहलू है जिससे आजम खान 9 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. हालांकि आजम खान को एक राहत जरूर मिल सकती है. अगर आजम खान इस फैसले के खिलाफ अपील करते हैं और हाई कोर्ट उनकी सजा को निलंबित कर देती है, तो ऐसी स्थिति में उनकी विधानसभा सदस्यता बची रहेगी.

आजम खान को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, अब नौ साल तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव!

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