41 जिंदगियां बचाने वाले रैट माइनर्स को एक-एक लाख रुपये देगी सपा, बीजेपी से कर दी ये बड़ी मांग
Uttar Pradesh News : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलने के बाद अब अपने…
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Uttar Pradesh News : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलने के बाद अब अपने घर पहुंच गए है. मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में रैट मानर्स का बहुत बड़ा हाथ था. वहीं मजदूरों की जान बचाने वालों (रैट माइनर्स) को समाजवादी पार्टी ने एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने कहा कि बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार साहसी माइनर्स को 10-10 लाख रुपये की सहायता दे.
कौन होते हैं रैट माइनर्स
बता दें कि उत्तराखंड में 17 दिन से टनल के अंदर फंसे 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने वाली 12 लोगों की टीम थी, जिन्हें रैट होल माइनर्स के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह से चूहा अपने बिल के अंदर घुसकर मिट्टी को बाहर फेंकते हुए आगे बढ़ता है, उसी तरह से हम लोगों ने टनल के अंदर काम किया. इन वर्करों ने टनल के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए 36 घंटे का टाइम दिया गया था, लेकिन इन्होंने 26 घंटे के अंदर ही ऑपरेशन को पूरा कर दिया.
17 दिन तक सुरंग में फंसे रहे मजदूर
बता दें कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग बनाई जा रही है. वहीं 17 दिन पहले सुरंग में हुए हादसे में 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. सुरंग में मलबा हटाने के लिए सबसे पहले जेसीबी लगाई गई, लेकिन ऊपर से मलबा गिरने पर सफलता नहीं मिल पाई तो देहरादून से ऑगर मशीन मंगाकर सुरंग में ड्रिलिंग शुरू की गई. ऑगर मशीन जवाब दे गई. फिर दिल्ली से अमेरिकन ऑगर मशीन मौके पर पहुंचाई गई. इसके लिए वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों की मदद ली गई. कटर से ऑगर को काटने के बाद 16वें दिन मैनुअल ड्रिलिंग शुरू की गई और 17वें दिन जिंदगी का पाइप श्रमिकों तक पहुंचा दिया गया.
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