69000 शिक्षक भर्ती मामला निपटा नहीं कि बैंक उनसे लोन रिकवरी करने में जुटा! ये क्या नई मुश्किल?
उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती मामला: बांदा के कोऑपरेटिव बैंक के सचिव ने शिक्षकों के लोन भुगतान को होल्ड करने का निर्देश दिया. मामला अदालत में लंबित.
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उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला फिर से चर्चा में है. बांदा में कोऑपरेटिव बैंक के सचिव, जगदीश चंद्रा ने बैंकों को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने शिक्षकों से वसूली करने के आदेश दिए हैं. साथ ही, उन्होंने निर्देशित किया है कि जब तक मामला पूरी तरह से फाइनल नहीं हो जाता, तब तक किसी भी शिक्षक को लोन का भुगतान न किया जाए. यह निर्देश हाईकोर्ट के हालिया निर्देशों के बाद जारी किया गया है.
सचिव ने बैंकों से यह भी कहा है कि 69000 शिक्षक भर्ती में जिन शिक्षकों को लोन दिया गया है, उनकी सूची तैयार की जाए. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बैंक मामले के फाइनल होने तक लोन भुगतान को होल्ड कर सके. बैंक कर्मचारियों को इस सूची को तैयार करने के काम में लगाया गया है ताकि स्थिति स्पष्ट होने तक किसी भी प्रकार की वित्तीय गड़बड़ी न हो.
यह मामला 69000 शिक्षक भर्ती से संबंधित है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई विवाद उठे हैं और मामला अदालत में लंबित है. हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद, बैंक अब पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं और किसी भी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए यह कदम उठा रहे हैं.
69000 शिक्षक भर्ती मामला:
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जिसके बाद यह मामला अदालत में पहुंचा. भर्ती में मेरिट सूची और आरक्षण नीति को लेकर कई विवाद सामने आए थे. अभी हालिया इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक अहम फैसला सुनाते हुए भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया. कोर्ट की डबल बेंच ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह 1994 की आरक्षण नियमावली की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करते हुए नई चयन सूची तैयार करे.
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