त्रिशूल, गदा, भाला और हर हर महादेव की गूंज! नागा साधुओं ने जब संगम में लगाई डुबकी तो ऐसा था माहौल
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान पर संगम में 1.38 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. नागा साधुओं के शाही प्रवेश और दुर्लभ मुहूर्त ने आयोजन को और भव्य बनाया.
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मकर संक्रांति पर आज महाकुंभ का पहला अमृत स्नान है. मकर संक्रांति के मौके पर विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई.

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अमृत स्नान के दौरान नागा साधु हाथी, घोड़े और ऊंटों पर सवार होकर संगम पहुंचे. त्रिशूल, गदा, भाला और अन्य पारंपरिक हथियारों के साथ 'हर हर महादेव' और 'जय श्री राम' के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.

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महाकुंभ के शाही स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है. साधु-संतों का मानना है कि इस आयोजन का दुर्लभ मुहूर्त समुद्र मंथन के दौरान बने विशेष योग पर आधारित है जो 144 वर्षों में एक बार बनता है.

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महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर कई अखाड़ों के नागा साधुओं ने आज संगम में डुबकी लगाई जैसे निरंजनी अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा ने पवित्र स्नान किया.

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साधु- संतों के पवित्र स्नान की तस्नीरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही हैं.

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बता दें कि मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान में अब तक 1.38 करोड़ श्रद्धालु गंगा में पवित्र स्नान कर चुके हैं. यह संख्या आयोजन की भव्यता और लोगों की आस्था को दर्शाती है.

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महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी भव्य प्रदर्शन है. श्रद्धालु दूर-दूर से संगम पर पुण्य स्नान के लिए आते हैं.

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श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा का बेहतरीन इंतजाम किया. संगम क्षेत्र में पुलिस और स्वयंसेवक सतर्कता से तैनात हैं.