महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की पूरी लिस्ट आ गई! ये तस्वीरें हिला देंगी आपको
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए थे. मध्य रात्रि करीब 1 से 2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर अत्यधिक भीड़ इकट्ठा हो गई जिससे बैरिकेडिंग टूट गई.
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प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए थे. मध्य रात्रि करीब 1 से 2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर अत्यधिक भीड़ इकट्ठा हो गई जिससे बैरिकेडिंग टूट गई. इस दौरान श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के लिए आगे बढ़ने लगे, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. इस हादसे में 30 लोगों की जान चली गई और 90 से अधिक घायल हो गए.

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घटना के बाद डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि रात के समय जब श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग पर एकत्र हुए, तब अचानक बैरिकेडिंग टूट गई और भीड़ अनियंत्रित हो गई. इस दौरान कई लोग नीचे गिर गए और बाकी भीड़ ने उन्हें कुचल दिया. प्रशासन ने 90 घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन 30 श्रद्धालुओं की जान बचाई नहीं जा सकी. मृतकों में से 25 की पहचान कर ली गई है, जबकि बाकी की पहचान की जा रही है.

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डीआईजी वैभव कृष्ण ने जानकारी दी कि मृतकों में चार लोग कर्नाटक से, एक असम से और एक गुजरात से थे. बाकी की पहचान की प्रक्रिया जारी है. हादसे में घायल हुए 36 लोगों का इलाज प्रयागराज के स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. प्रशासन ने घायलों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे को लेकर गहरा शोक व्यक्त किया और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए नए निर्देश जारी किए. उन्होंने महामंडलेश्वर, संतों और अखाड़ों से अनुरोध किया कि वे कुछ देर बाद स्नान करें ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. इस अपील के बाद अखाड़ों का अमृत स्नान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया.

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घटना के बाद यह चर्चा होने लगी कि क्या वीआईपी मूवमेंट की वजह से आम श्रद्धालुओं को परेशानी हुई थी. इस पर डीआईजी वैभव कृष्ण ने स्पष्ट किया कि मौनी अमावस्या के दिन कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं था. श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की बाधा न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा गया था.