सरकारी जमीन हथियाने के मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज

भाषा

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उत्तर प्रदेश में लखनऊ की सांसद-विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने सरकारी जमीन हथियाने के मामले में माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी.

अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी के ऊपर विभिन्न जिलों में 56 मुकदमे दर्ज हैं. अदालत ने आगे कहा कि आरोपी मुख्तार अंसारी के खिलाफ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने और साजिश करके नक्शा पास करा कर मकान बनाने का आरोप है जो आजीवन कारावास से दंडनीय गंभीर अपराध है.

इसके पहले, मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील सोनू सिंह राठौर ने दलील दी कि मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को हजरतगंज में दर्ज कराई थी.

कहा गया है कि आरोपी मुख्तार अंसारी और उसके पुत्र अब्बास अंसारी व उमर अंसारी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये अपनी दबंगई के बल पर जियामऊ की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है और साजिश करके नक्शा पास कराकर मकान बनवा लिया है, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है.

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पुलिस ने मामले की विवेचना करने के बाद पहले उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. बाद में मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी साजिश रचने, धोखाधड़ी, कूटरचना के साथ सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया.

सरकारी अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी शातिर अपराधी है जिसके खिलाफ विभिन्न जिलों में 56 मुकदमे दर्ज हैं.

उल्लेखनीय है कि गाजीपुर जिले के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद निवासी मुख्तार अंसारी 1996 से 2017 तक मऊ जिले की शहर विधानसभा सीट से लगातार विधायक चुने गए और इस बार चुनाव में मुख्तार के पुत्र अब्‍बास अंसारी मऊ शहर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी गठबंधन सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की टिकट पर निर्वाचित हुए हैं.

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