महाराजगंज: शराब की दुकानें खुलने से पहले ही मालामाल हो गया आबकारी विभाग, जानिए कैसे?

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उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में शराब की दुकानों के आवंटन से पहले ही आबकारी विभाग केवल फार्म बेचकर मालामाल हो गया. लाइसेंस शुल्क का अट्ठारह गुना से अधिक रकम केवल ऑनलाइन आवेदन खोलकर आबकारी विभाग ने कमाई की है. शराब पीने के शौकीनों से कम शराब बेचने वाले भी नहीं है. यहां एक दुकान के लिए 105 लोगों ने आवेदन करके यह साबित कर दिया है.

यूपी के महराजगंज जिले में आबकारी विभाग ने नवसृजित शराब की दुकान खोलने के लिए अलग-अलग जगहों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांग रखे थे, जिसमे देशी शराब के लिए बोदना, नक्शा बक्शा, बैठवलिया, चंदनपुर और बियर के लिए धनेवा धनेई, शांतिनगर बड़गो, नौतनवा न०2, एकसड़वा के लिए आवेदन मांगे गए थे. जिसका रिजल्ट 5 जुलाई को आएगा. फार्म का शुल्क 25,000 रुपये नॉन रिफंडेबल तय की गई है.

बावजूद इसके शराब की दुकान खोलने वालों की मानो बाढ़ सी आ गई. एक-एक दुकान के लिए मारामारी मच गई. जिसमें सर्वाधिक आवेदन धनेवा धनेई बियर की दुकान के लिए आये. इस दुकान की लाइसेंस फीस 1 लाख 40 हजार रुपये तय किया गया था, लेकिन लाइसेंस शुल्क की बात कौन करे, यहां सिर्फ फार्म बेचकर ही आबकारी विभाग ने लाइसेंस शुल्क से अट्ठारह गुना अधिक रकम कमा लिए.

यहां एक दुकान के लिए 105 लोगों ने आवेदन किया. बाकी दुकान की बात करे तो देशी शराब में बोदना 08, नक्शा बक्शा 32, बैठवलिया 15, चंदनपुर 35 लोगों ने आवेदन किया. वहीं बियर के लिए धनेवा धनेई 105, शांतिनगर बड़गो 24, नौतनवा न०2 के लिए 75 और एकसड़वा 52 लोगो ने आवेदन कर रखे हैं.

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