किसानों का 26 नवंबर को प्रदर्शन, मंत्री टेनी की बर्खास्तगी के सिवा कुछ मंजूर नहीं: टिकैत

भाषा

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भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) की पहली बरसी पर कहा कि न किसान लखीमपुर खीरी कांड को भूले हैं और न ही वे सरकार को भूलने देंगे और उन्हें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के अलावा कुछ मंजूर नहीं.

उन्‍होंने कहा कि 26 नवंबर को देश भर में प्रदर्शन होगा और इस प्रदर्शन में भी लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला उठेगा.

लखीमपुर खीरी हिंसा की पहली बरसी पर सोमवार को तिकुनिया क्षेत्र के कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा,

“26 नवंबर को सभी राज्यों की राजधानियों में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का प्रदर्शन होगा और इस आंदोलन-प्रदर्शन में भी तिकुनिया हिंसा का मामला उठेगा.”

राकेश टिकैत

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तिकुनिया के कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा में आयोजित इस कार्यक्रम में लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों व पत्रकार को श्रद्धांजलि दी गई. टिकैत ने कहा कि देश पिछले साल तीन अक्टूबर को तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को कभी नहीं भूल सकता, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी.

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के दौरे के खिलाफ किसान तीन अक्टूबर, 2021 को तिकुनिया गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसी दौरान कार से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. इसके बाद की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक चालक सहित तीन अन्य लोग मारे गए थे.

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हिंसा में मारे गए किसान केंद्र के उन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें बाद में सरकार ने वापस ले लिया था। इस हिंसा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को मुख्‍य आरोपी बनाया गया है और वह अभी जेल में बंद है. घटना के बाद से ही किसान संगठन लगातार टेनी की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं.

कार्यक्रम में भाग लेने के बाद राकेश टिकैत ने पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के अलावा कुछ मंजूर नहीं। टिकैत ने दोहराया कि 26 नवंबर को देश भर में प्रदर्शन होगा और टेनी को पद से हटाने, जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग उठेगी.

उन्‍होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि एसकेएम किसानों के साथ खड़ा है. उन्‍होंने कहा कि किसान शांतिपूर्वक ही अपनी बात रखें, किसी तरह के उकसावे या बहकावे में न आयें जिससे तीसरे पक्ष को फायदा हो.

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टिकैत ने जेल में बंद चार किसानों के परिवारों को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी. इसके पहले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है.

न्याय मिलने में देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए भाकियू नेता ने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान न तो कानून व्यवस्था में विश्वास करता है और न ही संविधान में और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करता है.’’

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