यूपी को कर्नाटक सरकार से गिफ्ट में मिले चार हाथी, बाघ और तेंदुए को भगाने का भी करेंगे काम

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर कर्नाटक सरकार ने पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के मैनेजमेंट के लिये 4 हाथियों को यूपी को सरकार को गिफ्ट में दिया है. इस पूरे अभियान की रूप रेखा आई. एफ.एस अधिकारी ललित वर्मा ने तैयार की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हरी झंडी मिलते ही बुधवार की सुबह पूरे जोश और जश्न के साथ चारो हाथियों को पीलीभीत के लिये रवाना करा दिया गया है.

चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट ललित वर्मा ने बताया कि यूपी आने वाले हाथियों में से तीन नर है और एक मादा है. इनमें 2 नर हाथियों के नाम बड़ा सूर्या और छोटा सूर्या है. एक हाथी का नाम मणिकांता है और मादा हथिनी का नाम निसरगा है.

कर्नाटक से आ रहे ये हाथी ट्रक से 6 दिन की लंबी यात्रा के बाद उत्तर प्रदेश के पीलीभीत पहुंचेंगे. रास्ते में इनके खाने पीने और स्वस्थ की देखभाल की व्यवस्था के लिये बरेली परिछेत्र वन विभाग के कर्मचारी और विशेषयज्ञ साथ में पीलीभीत आ रहे है. जहां एलिफेंट कॉरिडोर बनाने की तैयारी चल रही है. यह चारों हाथी कर्नाटक के अलग अलग एलीफैंट कैंप रामापूरा कैंप, माथीगोडू कैंप और सकरेब्याले कैंप से उपहार स्वरुप मिले है. उत्तर प्रदेश के वन मंत्री अरुण कुमार के प्रयास से हाथियों का कोई मूल्य उत्तर प्रदेश सरकार ने नहीं चुकाया है. यह निशुल्क कर्नाटक सरकार की तरफ से तोहफे में मिले है.सिर्फ ट्रांसपोर्ट का खर्च उत्तर प्रदेश सरकार वहन कर रही है.

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चारों हाथी 6 दिन की लंबी यात्रा के बाद बरेली होते हुऐ पीलीभीत पहुंचेंगे. यहां इन्हें कुछ दिन क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा और उसके बाद यहां के माहौल में एडजस्ट होने पर इन हाथियों का इस्तेमाल विभिन्न रूप में किया जायेगा.

वन अधिकारी ललित वर्मा ने बताया की पीलीभीत और आसपास के जंगलों में जब नेपाल के हाथी आ जाते हैं और फसलों और घरो को नुकसान पहुंचते है. तब यह हाथी उनको वापस उनकी जगह पर धकेलेंगे, साथ ही जंगली वन्य जीव जैसे तेंदुए , बाघ, भालू को पुशबैक करने के लिए भी काम आएंगे. इनका घने जंगल में फारेस्ट पेट्रोलिंग में इस्तेमाल किया जायेगा. उन्होंने बताया कि अगर सब कुछ योजना अनुसार रहा तो जल्द ही यह हाथी टूरिस्ट के लिये जंगल सफारी के काम भी आएंगे. उत्तर प्रदेश सरकार और विभाग की मंशा है कि वन पर्यटन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण के प्रति जागरूक हों और वन्य जीवन को समझ सके.

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